Tuesday, October 14, 2025
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आई लव मोहम्मद पोस्टर से विवादः बरेली के बाद अब मऊ में भी बवाल

एफएनएन, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में “आई लव मोहम्मद” अभियान के समर्थन में हो रही पोस्टरबाजी और प्रदर्शन ने हालात तनावपूर्ण बना दिए हैं। बरेली के बाद अब मऊ में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना क्षेत्र में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद युवाओं की भीड़ ने उपद्रव की कोशिश की, जबकि बरेली में एक मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच विवाद बढ़ गया।

मऊ में जुमे की नमाज़ के बाद पथराव और लाठीचार्ज

मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद लगभग 15-20 साल के सैकड़ों युवा एकत्रित होकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने उन्हें शांत रहने और घर लौटने को कहा, लेकिन विरोध में नारेबाज़ी तेज हो गई। अचानक किसी ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया और भीड़ को खदेड़ा। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से आसपास के बाजार को बंद कर दिया और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है। फिलहाल मोहम्मदाबाद गोहना में शांति है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।

बरेली में जुमे के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प

बरेली जिले में भी शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद एक मस्जिद के बाहर स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी। स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर कई प्रदर्शनकारी “आई लव मोहम्मद” अभियान के समर्थन में मस्जिद के बाहर इकट्ठा हुए। मौलाना तौकीर रजा के आवास और मस्जिद के आसपास भारी भीड़ जमा हो गई, लेकिन अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं दी। इस पर लोगों का गुस्सा भड़क गया और नारेबाजी के बाद पथराव की घटनाएं हुईं। पुलिस ने नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया। इस दौरान बरेली से कई वीडियो और तस्वीरें सामने आईं, जिनमें प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी आमने-सामने दिखे।

अखिलेश यादव का बरेली घटना पर प्रतिक्रिया

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बरेली की घटना पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “सरकार द्वारा ताक़त का इज़हार करना उसकी कमजोरी की निशानी है। सरकारें लाठीचार्ज से नहीं, सौहार्द और सद्भाव से चलती हैं। यह अत्यंत निंदनीय है।” अखिलेश की यह टिप्पणी राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर बढ़ रहे तनाव को दर्शाती है।

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