एफएनएन, लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एक बार फिर से दवाओं की चोरी का मामला सामने आया है। कर्मचारी संस्थान की ओटी फार्मेसी से हर माह मरीजों के नाम दवाएं चोरी कर रहे थे। जांच में चोरी की दवाओं की बड़ी खेप पकड़ी गई है। इन दवाओं की कीमत लाखों रुपये की बताई जा रही है। मामला सामने आने के बाद संस्थान अफसरों की नींद उड़ी हुई है। गौतरब है कि इसके पहले भी दवाओं की घपलेबाजी का मामला उजागर हो चुका है। जिसके बाद कई कर्मचारियों की सेवा समाप्त की गई थी। फिलहाल इस मामले में आउटसोर्स महिला फार्मासिस्ट को आने से रोक दिया गया है। पूरे प्रकरण की शुरू करा दी गई है।
लोहिया संस्थान के पहले तल पर ओटी फार्मेसी है। यहां से ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों की दवाएं व अन्य सामान दिया जाता है। तीमारदारों से दवा की पर्ची और रुपए ले लिए जाते हैं। फिर ओटी में सीधे सामान भेज दिया जाता है। इससे मरीज को ओटी में अंदर क्या दवा और सामान भेजा गया है, इसके बारे में तीमारदारों को कुछ पता नहीं चलता है। इसी का फायदा उठाकर लंबे समय से ओटी फार्मेसी के फार्मासिस्ट और स्टाफ खेल कर रहे हैं। संस्थान के अफसरों ने इसी माह ओटी फार्मेसी में स्टॉक मिलान किया तो करीब 6 से 7 गत्ते दवा और दूसरा माल अलग बंधा रखा पाया। जांच में पता चला कि यह दवा व अन्य सामान तो ओटी के मरीजों के नाम पर इश्यू किया गया। फार्मेसी से 6 से 7 गत्ते अधिक मिलने पर इस सामान को सील करके गेस्ट्रो और आंको की ओटी में रखवा दिया गया।
आउटसोर्स महिला फार्मासिस्ट को काम से रोक कर की खानापूरी
दवा चोरी प्रकरण को दबाने के लिए एचआरएफ चेयरमैन और संस्थान के दूसरे अफसरों ने कोई कागजी कार्रवाई नहीं की। सिर्फ आउटसोर्स महिला फार्मासिस्ट अनन्या को सख्त हिदायत देकर घर बैठा दिया गया है। वहीं स्थायी फार्मासिस्ट रवि व दूसरे किसी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की। फार्मासिस्ट रवि रोजाना ओटी फार्मेसी में पहुंचकर काम कर रहे हैं।
दवा चोरी मामले को संस्थान प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। जांच शुरू करा दी गई है। जल्द ही जांच रिपोर्ट को साझा किया जाएगा। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
-डॉ. भुवन चंद्र तिवारी, प्रवक्ता लोहिया संस्थान