विश्व शतरंज के तमाम जानकारों की निगाह में टाई ब्रेकर या ड्रा की ओर बढ़ रही थी आखिरी बाजी
लेकिन एक भूल ने चकनाचूर कर डाला शातिर लिरेन का विश्व विजेता का सपना
एफएनएन स्पोर्ट्स डेस्क, सिंगापुर। अप्रेक्षाकृत ज्यादा कठिन और चुनौतीपूर्ण माने जाने वाले काले मोहरों से खेलने के बावजूद विश्व शतरंज के सबसे युवा नए बादशाह भारत के डी गुकेश ने चीन के शातिर विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को अप्रत्याशित अंदाज में चौंकाते हुए बीते गुरुवार की शाम जब आखिरकार खिताबी जीत दर्ज की तो भावनाओं का सैलाब कुछ ऐसा चमड़ा कि गुकेश खुद को रोक नहीं पाए और काफी देर तक फूट-फूटकर रोते रहे।
विश्व चैंपियनशिप की 14वीं और अंतिम बाजी में चीन के विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को दिया। जीत के साथ गुकेश के 7.5 अंक हो गए। उन्होंने यह मुकाबला 7.5-6.5 से अपने नाम कर विश्व खिताब जीता। तिलिस्मी खिताबी जीत से गद्गद गुकेश की आंखों में दरअसल, ये अपार खुशी के अनमोल आंसू थे। वह खुद को रुकने से रोकने की हरचंद कोशिश कर रहे थे लेकिन आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
गुकेश दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपाने की कोशिश करते रहे। हालांकि, हजारों मील जूर सिंगापुर की सुनहरी धरती पर सैकड़ों टीवी चैनलों के एचडी कैमरों में वर्ल्ड चैंपियन गुकेश का यह भावुक रिएक्शन कैद हो ही गया। भावनाएं गुकेश के दिलोदिमाग पर हावी होती गईं और वह फूट-फूटकर रोते रहे।
चेन्नई के गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय हैं। गुकेश पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद के ही शिष्य हैं और उन्हीं की अकादमी वेस्टब्रिज आनंद चेस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। वर्षों तक विश्व में अजेय रहे अपने गुरु चेन्नई के ही विश्वनाथन आनंद को भी हार का कसैला जायका चखा चुके डोंगराजा गुकेश के भावनाओं के ज्वार में बहकर फूट-फूटकर रो पड़ने और देर तक सुबकते रहने की ठोस और माकूल वजह भी जरूर थी।
दरअसल, जादुई खिताबी जीत से पहले निर्णायक 14वीं बाजी मजबूत लिरेन की शातिर चालों की वजह से ड्रॉ की ओर बढ़ रही थी। सिर्फ इतना ही नहीं, हैवीवेट लिरेन आखिरी पलों में 12वीं बाजी की तरह ही गुकेश को धूल चटाने का पूरा माद्दा भी रखते थे। दोनों की चालों को करीब से देख रहे विश्व शतरंज के कई पूर्व बादशाहों के आंकलन के मुताबिक अगले विश्व चैंपियन का फैसला टाईब्रेकर के जरिये ही होने जा रहा था लेकिन 55वीं चाल में बेचारे लिरेन ने भारी भूल कर दी। फिर किया था? अल्हड़ भारतीय डार्क हॉर्स गुकेश ने इस ‘गोल्डन चांस’ को ‘कैश’ कराने में एक पल की भी देर नहीं लगाई और लिरेन को हराते हुए खिताब अपने नाम कर ही डाला।
पूरे टूर्नामेंट में गुकेश की लिरेन पर काले मोहरों से यह पहली जीत थी। उन्होंने तीन बाजियों में जीत हासिल की, दो में हार मिली और नौ बाजियां ड्रॉ पर समाप्त हुईं।
गुकेश के लिए वर्ष 2024 किसी परी कथा सरीखा है। इस वर्ष उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट को जीतकर डिंग लिरेन को चुनौती देने का अधिकार हासिल किया।
डी गुकेश विश्व चैंपियन को चुनौती देने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। उन्होंने यह टूर्नामेंट विश्व नंबर दो फैबियानो कारुआना, विश्व नंबर तीन हिकारु नाकामुरा और भारत के आर प्रगनानंदा की मौजूदगी में जीता। इसी वर्ष उन्होंने अर्जुन एरिगेसी, प्रगनानंदा, विदित गुजराती के साथ मिलकर भारत को पहली बार चेस ओलंपियाड का चैंपियन भी बनाया था।