Sunday, November 24, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडउत्तराखंड वन विभाग ने किया पक्षियों की तस्करी का पर्दाफाश, 47 जिंदा...

उत्तराखंड वन विभाग ने किया पक्षियों की तस्करी का पर्दाफाश, 47 जिंदा तोते बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार

एफएनएन ब्यूरो, देहरादून। वन विभाग की टीम ने उत्तराखंड के जंगलों से संरक्षित पक्षी तोते की तस्करी करने वाले गिरोह का  पर्दाफाश करते हुए दो पक्षी तस्करों को 47 जिंदा तोतों के साथ गिरफ्तार किया है। तस्कर इन तोतों को खेड़ा के जंगल से पकड़कर दिल्ली बेचने ले जा रहे थे।

तस्करों के कब्जे से बरामद सभी 47 तोतों को बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने सुरक्षित वन्य क्षेत्र में छुड़वा दिया गया। दोनों तस्करों के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

उप प्रभागीय वनाधिकारी शशि देव ने बताया कि वन विभाग और सुरक्षा दल की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि खेड़ा निवासी कुछ युवक जंगल से तोते पकड़कर उन्हें बेचने के लिए दिल्ली ले जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर टीम ने रविवार को खेड़ा में छापेमारी की।

वनाधिकारी शशि देव के मुताबिक, छापेमारी के दौरान टीम ने वार्ड नंबर 17, खेड़ा निवासी नईम रजा पुत्र बाबू रजा के घर से 47 जिंदा तोते बरामद कर लिए। छापेमारी के दौरान नईम रजा और रेशमबाड़ी कॉलोनी वार्ड 13 निवासी फिरासत रजा पुत्र जाफर रजा को गिरफ्तार किया गया।

वन विभाग की टीम ने नईम रज़ा के घर से दो जाल और दो पिंजरे भी बरामद किए। तस्कर इनका इस्तेमाल पक्षियों को पकड़ने और उन्हें कैद में रखने के लिए करते थे। गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे इन तोतों को दिल्ली में बेचने ले जा रहे थे।

भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत तोता और अन्य सभी पक्षियों को पकड़ने, पिंजरे में कैद रखने या खरीद-फरोख्त करने की सख्त मनाही है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 11, 39, 50, 51 और 57 के तहत दोनों तस्करों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। अदालत से दोनों को जेल भिजवा दिया गया है।

वन विभाग की सतर्कता
उप प्रभागीय वनाधिकारी शशि देव ने कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वन विभाग का अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे वन्यजीवों की तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.

तोतों को जंगल में छोड़ा गया
वन विभाग ने सभी 47 तोतों को बरामद करने के बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया, जिससे वह अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रह सकें. तोतों की तस्करी न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण के संतुलन को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है. इन पक्षियों का जंगल से अवैध रूप से पकड़ना और बेचने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए वन विभाग सतर्कता बरत रहा है.

आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू
वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस अवैध तस्करी में और भी लोग शामिल हैं. तोते जैसे संरक्षित पक्षियों की अवैध तस्करी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह के मामलों में लिप्त लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोपियों को कड़ी सजा का प्रावधान है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments