संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का मसला
एफएनएन विदेश ब्यूरो, न्यूयॉर्क। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर एक बार फिर अड़ंगा डाल दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सुरश्रा परिषद में सुधारों को लेकर अफ्रीकी देशों में से किसी को स्थायी सदस्यता दिए जाने का समर्थन किया है लेकिन भारत के दावे पर चुप्पी साध ली है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर 10 राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों की अफ्रीकी संघ समिति (C10) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग ने कहा, ‘वर्तमान में सुरक्षा परिषद में पर्याप्त अफ्रीकी प्रतिनिधित्व का अभाव है, जो इसे अन्यायपूर्ण बनाता है। सुरक्षा परिषद में विकासशील देशों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।”

वांग ने विकासशील देशों, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के प्रतिनिधित्व पर तो जोर दिया, लेकिन भारत को लेकर एक बार फिर दोमुंहापन दिखाते हुए चुप्पी ही साधे रखी। गौरतलब है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए वैश्विक बिरादरी के बीच सुनियोजित कूटनीतिक प्रयास जारी रखे हुए है। इन कोशिशों के सुखद परिणाम भी अब साफ दिखने लगे हैं। चीन को छोड़कर बाकी चारों देश रूस, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अलग-अलग वैश्विक मंचों पर सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के भारत के दावे पर अपना समर्थन जाहिर करते रहे हैं। इसके अलावा भूटान, पुर्तगाल और चिली, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे बहुत से देश भी भारत को सदस्यता दिए जाने के समर्थन में खुलकर आ चुके हैं।