Friday, September 20, 2024
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प्रशासन की नाक तले सीबीगंज में वर्षों से चल रहा फर्जी डिग्रियां बांटकर करोड़ों की ठगी का ‘खेल’

*खुसरो कालेज प्रबंधन ने तमाम व्यावसायिक कोर्सों के फर्जी डिग्री-डिप्लोमा देकर ठग लिए ₹3.70 करोड़

*जीटीआई प्रिंसिपल ने कॉलेज के एमडी/भाजपा नेता जाफरी समेत तीन पर दर्ज कराई दूसरी एफआईआर

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। शहर से सटे सीबीगंज स्थित खुसरो मैमोरियल पीजी कॉलेज प्रबंधन फर्जीबाड़ा कर सत्र 2019-2020 से ही लगातार बिना मान्यता वाले फर्जी बी फार्मा, डी फार्मा और पैरामेडिकल कोर्सेज में एडमिशन देकर छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका है। शासन के निर्देश पर जांच कर रहे राजकीय पॉलीटेकनीक के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार ने बड़े फर्जीबाड़े की पुष्टि होने पर कॉलेज के एमडी/भाजपा नेता शेर अली जाफरी, प्रिंसिपल विश्वनाथ शर्मा और करीबी विजय शर्मा पर सीबीगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। यह जाफरी पर दूसरी रिपोर्ट है। फर्जीबाड़े में कम से कम 3.70 करोड़ रुपये की ठगी का दावा किया गया है।

फर्जी डिग्रियां बांटने के खेल में फंसे खुसरो कॉलेज के एमडी शेर अली जाफरी के बेटे के साथ इंस्पेक्टर सीबीगंज राजबली यादव

पांच साल से जारी था फर्जीवाड़ा और सिस्टम रहा खामोश

खुसरो मैमोरियल पीजी कॉलेज में डी फार्मा की फर्जी डिग्री बांटने का मामला सामने आने पर शासन ने जीटीआई प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार को जांच के आदेश दिये थे। जांच रिपोर्ट मे कहा गया कि खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज के चेयरमैन सनइया रानी सीबीगंज निवासी शेर अली जाफरी, सुभाषनगर में शांति विहार निवासी आस्था कंसल्टेंसी के प्रोपराइटर डॉ. विजय शर्मा और स्लीपर रोड सीबीगंज के विश्वनाथ शर्मा खुसरो आईटीआई के कथित प्रधानाचार्य इस कॉलेज में अवैध रूप से बी फार्मा, डी फार्मा और पैरामेडिकल कोर्स संचालित कर रहे थे। इन्होंने भोजीपुरा के अभयपुर केसोपुर के जाकिर अली और मीरगंज के मोहल्ला मीर खां बाबर नगर के तारिक अल्वी को लिपिक के पद पर अवैध रूप से नियुक्त कर रखा है।

बिना मान्यता बी फार्मा, डी फार्मा और पैरामेडिकल कोर्स में किए एडमिशन, बांटी फर्जी डिग्रियां

जांच में 24 छात्रों के बयान दर्ज किए। तीनों आरोपियों ने धोखाधड़ी कर कूटरचित दस्तावेजों से आपराधिक षडयंत्र रचकर 2019-2020 से अब तक तीन सत्र में 379 छात्र-छात्राओं को डीफार्मा में प्रवेश देकर उनसे लगभग 3.70 करोड़ रुपये वसूल लिये। उन्हें फर्जी मार्कशीट व डिग्री देकर उनका भविष्य अंधकारमय कर दिया। सुनियोजित साजिश के तहत विश्वनाथ शर्मा ने स्वयं को और शेर अली जाफरी को बचाने के लिए आस्था कंसल्टेंसी के डॉ. विजय शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करा दी। इसी आधार पर शेर अली जाफरी, विश्वनाथ शर्मा और डॉ. विजय शर्मा को दोषी मानते हुये मुकदमा दर्ज कराया गया है।

जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का

दरअसल खुसरो डिग्री कॉलेज के एमडी शेर अली जाफरी और उनके बेटे पर कार्रवाई इस वजह से नहीं हो पा रही थी कि इंस्पेक्टर सीबीगंज राजबली यादव उनके काफी करीबी हैं। इंस्पेक्टर सीबीगंज राजबली यादव के साथ जाफरी के बेटे फिरोज अली जाफरी की तस्वीर तो इसी तरफ इशारा कर रही है। इंस्पेक्टर राजबली और शेर अली जाफरी के बेटे फिरोज अली जाफरी की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है।

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