एफएनएन, देहरादून : मनसा देवी रोपवे का संचालन बंद होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्ग, दिव्यांग और शरीर से ज्यादा वजन के लोग पैदल यात्रा कर माता के दर्शन करने में असमर्थ हैं। फिलहाल रोपवे संचालन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। मंगलवार को देश के कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं को निराश ही लौटना पड़ा।
बता दें कि रोपवे का संचालन कर रही कंपनी ऊषा ब्रेको लिमिटेड की मूल लीज अवधि 40 वर्ष तक थी, जो 20 मई 2021 को ही समाप्त हो गई। समय के साथ-साथ शहरी विकास विभाग के साथ अनुबंध बढ़ता गया। अब अनुबंध की अंतिम अवधि भी समाप्त हो गई है।
नगर निगम की ओर से न तो टेंडर की घोषणा की गई और न ही कोई तैयारी होती दिख रही है। नगर निगम ने पूर्व में एक बार टेंडर की प्रकिया शुरू भी की थी, लेकिन शासन की ओर से ही अनुबंध बढ़ा दिया गया। रोपवे की तकनीकी जांच और डीपीआर तैयार करने की भी योजना थी, जो अभी ठंडे बस्ते में है। वहीं रोपवे की स्थिति की जांच के लिए परामर्श एजेंसी के साथ अनुबंध भी किया गया था। इसका भी कोई परिणाम सामने नहीं आया।
हाईकोर्ट में चल रही है मामले की सुनवाई
नगर निगम ने दिसंबर के अंत तक रोपवे के संचालन के लिए नया टेंडर निकालने का दावा किया था। वर्तमान में संचालन कर रही ऊषा ब्रेको को 31 दिसंबर तक जिम्मेदारी मिली थी। इसको लेकर हरिद्वार निवासी नीरव साहू ने उच्च न्यायालय नैनीताल में याचिका दायर की है। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मनसा देवी रोपवे के लीज को 31 दिसंबर 2023 तक सीमित करने और नए सिरे से टेंडर की प्रकिया शुरू करने के आदेश दिए हैं। मामले में शहरी विकास सचिव, नगर आयुक्त, मेयर और ऊषा ब्रेको लिमिटेड के निदेशक को 20 नवंबर तक हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के आदेश भी दिए थे।