एफएनएन, हल्द्वानी : राज्य बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड कारागार नियमावली 2023 लागू हो गई है। इसके तहत 14 नवंबर से राज्य की सभी जेलों में जीरा, लहसुन व प्याज का छौंका लगने लगा है। बंदी व कैदी प्रोटीनयुक्त खाना खा रहे हैं।
पांच ग्राम प्रति कैदी घी मिल रहा है और गर्भवती महिलाओं को दूध दिया जा रहा है। जेल का खाना खाया क्या? ये खाना किसी को नसीब न हो। यानी कोई जेल नहीं जाए। ऐसी धारणा लोगों की हुआ करती थी। जेल में पहुंचने पर बंदी को पता चलता था कि अपराध करने की सजा क्या होती है, मगर समय के साथ जेलों में सभी सुविधाएं मिलने लगी हैं।
23 साल से राज्य की जेलों में उत्तर प्रदेश कारागार नियमावली चल रही थी। इसी आधार पर जेलों में बंदियों व कैदियों को भोजन, पोषण तथा स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाती थी, मगर अब इसी साल 14 नवंबर ने राज्य की कारागार नियमावली 2023 लागू हो चुकी है। जिसके तहत पौष्टिक आहार से बंदी व कैदी तंदुरुस्त होंगे।
डाइट में यह हुआ है बदलाव
जेल के खाने में लहसुन, प्याज, जीरा, टमाटर और घी नहीं डाला जाता था। नई नियमावली में प्रति कैदी के हिसाब से टमाटर, प्याज 25 ग्राम, लहसुन दो ग्राम, जीरा तीन ग्राम, घी पांच ग्राम प्रति कैदी कर दिया गया है। हल्दी, मिर्च, सब्जी मसाला एक ग्राम से बढ़ाकर दो ग्राम कर दिया गया है।
डायबिटीज वाले मरीजों को सप्ताह में दो अंडे दिए जाएंगे। 60 एमएल दूध भी रोज मिल रहा है। चार से छह साल के बच्चों को 500 एमएल दूध तीन वक्त, गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन दूध, चायपत्ती तीन ग्राम, गुड़ प्रतिदिन 50 ग्राम, अप्रैल से जून तक कैदियों को 20 ग्राम नीबू दिया जाएगा।
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