एफएनएन, लद्दाख: भारत ने चीन की चालबाजियों के खिलाफ अपना अंडरग्राउंड हथियार तैयार कर लिया है। भारत के इस अंडरग्राउंड हथियार का नाम है लेह मनाली रोहतांग अटल टनल। वो सुरंग जो हर मौसम में भारतीय सेना के काम आएगी। बर्फबारी हो या भीषण बारिश सेना के लिए अटल टनल के रास्ते सैन्य साजो-सामान और राशन पहुंचाना बेहद आसान हो गया है। भारत की ये इंजीनियरिंग चीन के लिए बड़ी चिंता का सबब बन चुकी है। माना जा रहा है कि 25 सिंतबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
दुनिया की सबसे लंबी सुरंग
बेहद उपयोगी अटल टनल भारत के लिए सामरिक दृष्टि से किस प्रकार और कितनी उपयोगी है। ये सुरंग यानी टनल 9 किमी लंबी है और समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर है। इतनी ऊंचाई पर बनी ये दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। सबसे अहम बात तो ये है कि इस टनल के रास्ते लेह और मनाली के बीच की दूरी 46 किमी कम हो जाएगी। ऐसे में सामरिक हिसाब से भारतीय सेना के लिए अटल टनल बहुत जरूरी है। इस टनल के रास्ते अब लद्दाख में तैनात सैनिकों से संपर्क काफी अच्छा बना रहेगा। इसके अलावा इस सुरंग में हर 150 मीटर पर टेलिफोन, हर 60 मीटर पर फायर हाइड्रेंट और हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट लगा है और हर 2.2 किमी. के बाद सुरंग में यू-टर्न और हर 250 मीटर पर ब्ब्ज्ट कैमरा लगा है।
5 घंटे का सफर 10 मिनट में
अटल सुरंग 13,050 फीट पर स्थित रोहतांग दर्रे के लिए वैकल्पिक मार्ग भी है। मनाली घाटी से लाहौल और स्पीति घाटी तक पहुंचने में करीब 5 घंटे का समय लगता था। पर अब इस टनल के रास्ते ये दूरी मात्र 10 मिनट में ही तय की जा सकेगी।
अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी टनल बनाने की घोषणा
3 जून 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौल के केलांग में रोहतांग टनल निर्माण की घोषणा की थी.जून 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी ने रोहतांग टनल के नार्थ पोर्टल को मनाली-लेह हाईवे से जोड़ने वाली पलचान-धुन्दी सड़क का शिलान्यास कर टनल निर्माण की राह खोली।