एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर जरूर पड़ गई है, पर खतरा अभी भी टला नहीं है। पहाड़ से मैदान तक अभी नए मामले आ ही रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित देहरादून जनपद है। दून शुरुआत से ही कोरोना का हाटस्पाट रहा है और अब भी सबसे ज्यादा मामले यहीं आ रहे हैं। राज्य के दोनों मंडल की यदि बात करें तो कुमाऊं में कुछ हद तक राहत दिखाई देती है।
पिछले एक माह में राज्य में कोरोना के 818 मामले आए हैं। इस हिसाब से तकरीबन 27 नए मामले हर दिन आ रहे हैं। संख्यात्मक लिहाज से यह स्थिति चिंतनीय नहीं है, पर एक दूसरा पहलू भी है जिस पर गौर किया जाना चाहिए। वह यह कि नए मामलों में एक तरह की निरंतरता है। इस दौरान सबसे कम मामले टिहरी जनपद में आए हैं। यहां कोरोना के नए मरीजों का मासिक आंकड़ा इकाई की संख्या में है। जबकि ग्यारह जिलों में यह संख्या दहाई में है।
केवल एक देहरादून जनपद में यह आंकड़ा तिहाई में रहा है। राज्य में कोरोना की दस्तक होने से अब तक चार मैदानी जिले सबसे ज्यादा संवेदनशील रहे हैं। यह स्थिति अब भी बदली नहीं है। पिछले एक माह में आए मामलों में 49 फीसद चार मैदानी जिलों से हैं। चिंता इस बात की है कि कोरोना के मामलों में कमी आने के साथ ही जांच का ग्राफ भी कम होता जा रहा है। बीते सप्ताह राज्य में तय लक्ष्य से 57 फीसदी कम जांच हुई है। राज्य में बीते सप्ताह दो लाख 80 हजार के लक्ष्य की तुलना में महज एक लाख 20 हजार ही सैंपल की जांच की गई है।
बता दें कि सरकार ने राज्य में प्रत्येक दिन 40 हजार सैंपल की जांच का लक्ष्य रखा था। पर उसकी तुलना में हर दिन औसतन 15 हजार के करीब जांच हो रही है। जानकार यह मानते हैं कि तीसरी लहर की आशंका के बीच इस पक्ष को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
पिछले एक माह में आए मामले
- अल्मोड़ा-29
- बागेश्वर-61
- चमोली-59
- चंपावत-26
- देहरादून-209
- हरिद्वार-63
- नैनीताल-70
- पौड़ी-84
- पिथौरागढ़-62
- रुद्रप्रयाग-43
- टिहरी-08
- ऊधमसिंहनगर-58
- उत्तरकाशी-46
- मैदानी जिले-400
- पहाड़ी जिले-418
- कुमाऊं मंडल- 306
- गढ़वाल मंडल- 512