एफएनएन, नई दिल्ली: सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का अहम निर्णय लिया गया. लंबे समय से छात्र और अभिभावक परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे और अब परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों ने राहत की सांस ली है. लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर छात्रों का मूल्यांकन किस आधार पर किया जाएगा. 12वीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए CBSE द्वारा इंटरनल असेसमेंट के किस फॉर्मूले को अपनाया जाएगा और उसपर छात्रों की कितनी सहमति होती है. अधिकतर छात्रों का मानना है कि अभी भी उनका तनाव कम नहीं हुआ है. सीबीएसई का असेसमेंट फार्मूला सामने आने के बाद ही पता चलेगा कि उन्हें फायदा होगा या नहीं.
वहीं, शिक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बारहवीं कक्षा के छात्रों के मन में चिंता को समाप्त करने के लिए यह तय किया गया है कि वेल डिफाइन्ड क्राइटेरिया के आधार पर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा.”
हालांकि, अभी तक इसपर कोई जानकारी सामने नहीं आई है कि सीबीएसई परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया क्या होगी. क्या इंटरनल असेसमेंट, प्रैक्टिकल या किसी एवरेज मार्किंग के आधार पर कोई फार्मूला तय किया जाएगा? यह भी कहा जा रहा है कि इंटरनल असेसमेंट के फार्मूले से कोई संतुष्ट न हो तो उसे परीक्षा में बैठने का मौका भविष्य में दिया जाएगा. अब देखना ये होगा कि परीक्षाएं रद्द होने के बाद किस तरह छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है है कि सुप्रीम कोर्ट में 3 जून को होने वाली सुनवाई के दौरान इस बारे में जानकारी दी जा सकती है.