एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना के मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इस बीच एक दूसरी चुनौती भी मुंह बाये खड़ी है। डेंगू के मोर्चे पर पिछले साल कुछ राहत रही, पर सरकारी तंत्र किसी भी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। ऐसे में जिला प्रशासन, नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
आइसोलेशन वार्ड हो रहे तैयार
दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय व जिला अस्पताल (कोरोनेशन) सहित जिले के सात अस्पतालों को डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें विकासनगर, ऋषिकेश, रायपुर समेत 7 अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पताल को आइसोलेशन के लिए तैयार किया गया है। प्रत्येक अस्पताल में 10-15 बैड रिजर्व किए गए हैं।
आशाओं को दी जिम्मेदारी
जिले में 1437 आशाएं हैं। इन्हें वर्कर अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डेंगू के लिए जिम्मेदार एडीज मच्छरों के प्रजनन लायक स्थितियां पैदा होने या किसी भी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखने पर वह तुरंत विभाग को जानकारी देंगी। इसके साथ ही आशाओं को पम्पलेट भी दिए जाएंगे। जो घर-घर जाकर बांटे जाएंगे। ताकि लोग डेंगू को लेकर जागरूक रहें।
नगर निकायों की टीम तैयार
नगर निगम देहरादून, नगर निगम ऋषिकेश, गढ़ी कैंट बोर्ड, क्लेमेनटाउन बोर्ड ने टीम तैयार की है। इसके तहत शहर में फॉगिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी को लेटर जारी कर निगरानी के निर्देश दिए हैं। साथ ही नगर निगम ने 100 वार्ड में फॉगिंग की मशीन भी दी है।
डॉ. सुभाष जोशी (जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी) ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में तैयारी कर ली गई है। इसके अलावा जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत इसकी जांच कराने को कहा गया है। किट भी अस्पतालों में पहुंचा दी गई है।
आरके सिंह (स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम) ने कहा कि नगर निगम की टीमें लगातार शहर में फॉगिंग कर रही हैं। इसके साथ ही सभी वार्ड में 100 छोटी मशीन दी गई हैं। जिसके माध्यम से हर सप्ताह फॉगिंग की जाएगी।
बीते सालों में आए मामले
- वर्ष – कुल मामले – मौत
- 2015- 829 – 00
- 2016 – 1434- 3
- 2017- 366 – 00
- 2018 – 314- 00
- 2019- 4991 -06
- 2020 – 00 -00