
एफएनएन, देहरादून चमोली : चमोली जिले के तपोवन में बचाव कार्य में जुटे कर्मियों को अब भी कई जिंदगियों की आस है। सुरंग में तलाश के लिए हेलीकॉप्टर से जियो मैपिंग की गई है। बचाव कर्मियों को अभी कुछ लोगों की जान बचाने की उम्मीद है। उत्तराखंड के चमोली जिले में धौलीगंगा नदी पर तपोवन विष्णुगढ़ प्रॉजेक्ट की सुरंग में जिंदगी की जंग जारी है। फंसे लोगों की तलाश के लिए बचाव दल जी-जान से जुटा है। एक रिमोट सेंसिंग इक्विपमेंट से लैस हेलीकॉप्टर से भी रेस्क्यू में मदद ली गई है। अधिकारियों के बचाव अभियान मेंके लिए सुरंग की संरचना की जियो मैपिंग भी की है। मंगलवार से ही बचाव कार्य जोरों पर है। हेलीकॉप्टर ने कठिन पहाड़ी इलाकों के आपदाग्रस्त सुरंग की तस्वीरें लीं हैं, जिससे रेस्क्यू में लगी टीम को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा, ‘हम आपदा प्रभावित सुरंग की जियो मैपिंग कर रहे हैं, जिससे हमें फंसे लोगों को खोजने और बचाव अभियान में मदद मिलेगी।’ एसडीआरएफ के अधिकारियों ने रविवार को बाढ़ की वजह से घटनास्थल पर पहुंचे मलबे और कीचड़ को साफ किया था। अग्रवाल ने कहा, ‘इसके अलावा अगर जरूरत पड़ी तो थर्मल और लेजर स्कैनिंग का भी इस्तेमाल किया जाएगा।’उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ‘हम ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग तुरंत निर्णय लेने के लिए कर रहे हैं।’ डीजीपी ने आश्वासन दिया, ‘हम अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए सभी संभावनाओं का पता लगाएंगे।’ सुरंग के डिजाइन को समझने के लिए बचाव दल ने एनटीपीसी के अधिकारियों से भी सलाह ली। पनबिजली परियोजना की सुरंग के भीतर भारी गाद की मौजूदगी के कारण बचाव कार्य मंगलवार को धीमा हो गया था।
तपोवन टनल में राहत कार्य जारी, अंदर रास्ता तलाशने को ड्रोन का हो रहा इस्तेमाल