लोहाघाट बंदी गृह में कैद था वनबसा निवासी युवक
एफएनएन, चम्पावत : किशोरी का अपहरण करने के आरोपी ने बंदी गृह के शौचालय में हुड की डोरी से फांसी लगाकर जान दे दी। युवक लोहाघाट में स्थित बंदी गृह में कैद था। उसे कुछ दिन पहले ही बंद किया गया था। मृतक को बनबसा से गिरफ्तार किया गया था। बंदीगृह में विचाराधीन कैदी की आत्महत्या का मामला सामने आने से खलबली का माहौल है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया है कि इसी माह बनबसा निवासी एक किशोरी संदिग्ध हालात में घर से गायब हो गई थी। इस मामले में उसके परिजनों ने बनबसा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
जांच में सामने आया था कि उत्तर प्रदेश के खेड़ा कसनी जिला बदायूं निवासी जितेंद्र (22) पुत्र खुशीराम लंबे समय से बनबसा क्षेत्र में रह रहा था। पुलिस ने सर्विलांस से मिली लोकेशन के आधार पर बीते 9 जनवरी को किशोरी को जितेंद्र के पास से गिरफ्तार किया था। उसके बाद बनबसा थाना पुलिस ने अपहरण, दुराचार और पॉक्सो के आरोप में मुकदमा दर्ज करते हुए जितेंद्र को गिरफ्तार कोर्ट के आदेश पर लोहाघाट न्यायिक बंदीगृह भेज दिया था। करीब 14 दिन से जितेंद्र लोहाघाट बंदीगृह में बंद था। जितेंद्र मंगलवार सुबह करीब चार बजे बन्दीगृह के शौचालय गया था।
काफी देर बाद दूसरा कैदी शौचालय जाने लगा तो दरवाजा खटखटाने के बाद भी जितेंद्र बाहर नहीं आया। उसके बलपूर्वक दरवाजा खोला गया तो जितेंद्र का छत के ऊपर बल्लियों से लटका शव देख मौके पर मौजूद लोगों के होश फाख्ता हो गए। सूचना मिलते ही एसडीएम आरसी गौतम और सीओ ध्यान सिंह समेत पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई थी। शव को कब्जे में लेने के बाद पैनल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एसपी ने बताया है कि बंदीगृह में आत्महत्या के मामले की जांच मजिस्ट्रेट स्तर से की जा रही है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है।