कंपनियों के पास पड़ा है 70-75 दिनों का 77800 करोड़ रुपये की अनसोल्ड कारों का स्टॉक
एफएनएन बिजनेस ब्यूरो, मुम्बई/नई दिल्ली। भारत में कारों की बिक्री में पिछले कुछ अरसे से लगातार गिरावट आ रही है। कुछ समय पहले तक महिंद्रा और मारुति की कारों की एडवांस बुकिंग के बाद भी लंबा इंतजार करना पड़ता था. लेकिन अब ये बेस्टसेलर कारें आसानी से मिल रही हैं। डीलर्स लगभग सभी मॉडल्स पर अच्छा डिस्काउंट भी देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि कम बिक्री होने के कारण डीलर्स के पास कारों का स्टॉक बहुत बढ़ गया है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) ने मारुति सुज़ुकी, टाटा मोटर्स, एमजी, किया, हुंडई, महिंद्रा जैसी तमाम कार निर्माता कंपनियों के अगस्त 2024 की बिक्री के आंकड़े जारी किए हैं।
अगस्त 2024 में ऑटो रिटेल मार्केट में पिछले साल के मुकाबले 2.88% की मामूली बढ़ोतरी जरूर दर्ज की गई है लेकिन कारों, ट्रैक्टरों और कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री घटी है। कारों की बिक्री में गत वर्ष की अपेक्षा अगस्त में 4.53%, ट्रैक्टरों की बिक्री में 11.39% और कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 6.05% की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
फडा रिसर्च के अनुसार, देश भर में अगस्त 2024 में कुल 3,09,053 पर्सनल कारों की बिक्री हुई है. जबकि जुलाई 2024 में 3,20,129 कारें बिकी थी। इसके विपरीत अगस्त 2023 में 3,23,720 कारें बिकी थीं। इसी तरह से अगस्त 2024 में 73,253 कॉमर्शियल कारों की सेल हुई जबकि जुलाई 2024 में 80,057 और पिछले साल अगस्त में 77,967 कॉमर्शियल कारें बिकी थीं।
आइए, समझते हैं वाहनों की बिक्री में गिरावट की वजहें
इस बार मानसून सीजन बहुत ज्यादा अनिश्चित रहा। पहले बेतहाशा गर्मी पड़ी और बारिश देरी से शुरू हुई। फिर अचानक इतनी भारी बारिश हुई कि देश के तमाम हिस्से बाढ़ में डूब गए। अगस्त 2024 में देश भर में 15.9% ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। उत्तर पश्चिम भारत में तो पिछले साल के मुकाबले बारिश 31.4% अधिक वर्षा दर्ज की गई। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में इसी अवधि में 7.2%, मध्य भारत में 17.2% ज्यादा बारिश हुई।
भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाओं ने बाजार को बुरी तरह प्रभावित किया है। निर्माण कार्य कम होने से ट्रकों और बसों की डिमांड घट गई है। उद्योगों में भी कच्चे माल की डिमांड घटने से ट्रकों और बसों की बिक्री में गिरावट आई है।
एफएडीए ने बताया है कि यात्री वाहनों (PV) की बिक्री में अगस्त 2024 में पिछले माह यानी जुलाई 2024 के मुकाबले 3.46% की गिरावट आई है जबकि वर्ष भर की यह गिरावट 4.53% है। त्योहारी सीजन आने के बावजूद बाजार पर अभी भी काफी दबाव है। लगातार भारी बारिश की वजह से ग्राहक कारें खरीद ही नहीं रहे हैं। नतीजा यह कि कंपनियों के पास कारों का 70 से 75 दिनों से रखा बहुत ज्यादा स्टॉक जमा हो गया है। इन कारों की कीमत करीब 77,800 करोड़ रुपये है।
FADA ने बताया कि वाहन निर्माता कंपनियां (OEMs) बिक्री बढ़ाने का तरीका तलाशने के बजाय डीलर्स को कारों की डिलीवरी बढ़ा रही हैं। इससे समस्या और गहरा गई है। FADA ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) से अपील की है कि वे ज्यादा स्टॉक वाले डीलर्स की फंडिंग पर कंट्रोल रखें। डीलर्स को भी अतिरिक्त स्टॉक रखने से बचने की सलाह दी है।
अस्वाभाविक भी नहीं है कार बिक्री में मौजूदा चक्रीय गिरावट
कार बिक्री में गिरावट आने का एक प्रमुख कारण चक्रीय (Cyclical) भी है। पिछले 36 महीनों में कारों की बिक्री काफी बढ़ी थी। इसलिए अब थोड़ी गिरावट आना स्वाभाविक है। कोरोना महामारी के बाद सब कुछ पुन: सामान्य होने के बाद मांग अचानक बढ़ी, तो प्रोडक्शन उतना नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब ग्राहकों की डिमांड पहले जैसी नहीं रह गई है। उन्हें अपनी पसंद की कार खरीदने के लिए ज्यादा इंतजार भी नहीं करना पड़ रहा है।
साल भर में आ चुके हैं कारों के कई नए मॉडल्स
पिछले साल भर में बहुत सी नई कारें और पुराने कारों के नए मॉडल लॉन्च होने के बाद पुरानी कारों की मांग कम हुई है और कार कंपनियों के पास स्टॉक बढ़ गया है। कम कीमत वाली कारों की बिक्री कम हुई है। पहले लोग छोटी कारें खरीदते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। पहले लोग बाइक बेचकर छोटी कारें खरीद लेते थे. लेकिन अब वे छोटी कारें खरीदने से हिचकिचा रहे हैं। हालांकि मारुति को छोड़कर अधिकांश कार कंपनियों ने छोटी कारें बनाना बंद या कम काफी कर दिया है।
कुछ कारों की पापुलेरिटी भी घटी है
कुछ खास सेगमेंट की कारों की पापुलेरिटी भी घटी है। इनमें बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) भी शामिल हैं। वजह है-इलेक्ट्रिक कारों की बहुत ज्यादा कीमत, रिचार्ज स्टेशनों की कमी और पेट्रोल-डीजल कारों की सुगम आसानी से उपलब्धता।
फेस्टिव सीजन में कारों की बिक्री में फिर आएगा बूस्टअप
हालांकि अगले माह शारदीय नवरात्रि, दशहरा, और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों पर कारों की बिक्री में भी उछाल आने के पूरे आसार हैं। साथ ही कई इलाकों में अच्छी बारिश होने से किसानों की आमदनी बढ़ने पर कस्बों-गांवों में भीकारों की बिक्री में बूस्टअप आ सकता है।