एफएनएन,देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार संपर्क में हैं और जोशीमठ की स्थिति और वहां उठाए गए कदमों को लेकर अपडेट दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जोशीमठ से लौटने के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुलाकात करेंगे।
- केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की टीम सोमवार को पहुंचेगी जोशीमठ
जोशीमठ में भूधंसाव के मद्देनजर अध्ययन के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञों की टीम सोमवार को जोशीमठ पहुंचेगी। यह टीम क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद तीन दिन में भूधंसाव के कारण और प्रभाव पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) को सौंपेगी।
साथ ही गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी अलकनंदा से हो रहे भूकटाव के अलावा क्षेत्र में भूधंसाव के कारण निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग और जलविद्युत परियोजनाओं पर पडऩे वाले प्रभाव का आकलन भी करेगी।
चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ शहर का धार्मिक और सामरिक महत्व है। साथ ही पर्यावरणीय दृष्टि से यह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी अलकनंदा यहां से गुजरती है। जोशीमठ में भूधंसाव को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिवस अध्ययन के लिए टीम गठित की थी।
इसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया, एनएमसीजी, राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (नमामि गंगे), राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।
अपर सचिव एवं राज्य में नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह को समन्वय का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि इस टीम के सदस्य रविवार शाम को ऋषिकेश पहुंचेंगे। वहां से यह टीम सोमवार को सुबह साढ़े आठ बजे जोशीमठ के लिए रवाना होगी
कैबिनेट मंत्री महाराज के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने जानना चाहा कि जोशीमठ में भूधंसाव के क्या कारण हो सकते हैं। इस पर उन्हें बताया गया कि जोशीमठ शहर के ग्लेशियर से बहकर आई मिट्टी व बोल्डर के ढेर पर बसा होने के अलावा तपोवन टनल का निर्माण भी इसका कारण हो सकता है, लेकिन वास्तविक कारणों का पता तो जांच के बाद ही चल पाएगा। महाराज ने जांच दल को रवाना करने के लिए केंद्रीय मंत्री के प्रति आभार जताया है।