एफएनएन, हल्द्वानी: उत्तराखंड के 13 जिलों में 1.77 लाख लाख मतदाता पहचान पत्र निरस्त कर दिए गए हैं। देहरादून में सबसे ज्यादा 34039 लोगों का नाम हटाया गया है। दून समेत शीर्ष तीन में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर भी शामिल हैं। एक साल तक हुए भौतिक सत्यापन व अन्य प्रक्रिया को पूरा करने के बाद यह छंटनी की गई।
सर्वे के दौरान नए वोटरों को जोड़ने के साथ यह भी देखा गया कि पूर्व में हुए चुनाव में दर्ज नामों की स्थिति क्या है। नौ नवंबर 2022 से 21 सितंबर 2023 के बीच हुई सत्यापन की प्रक्रिया के बाद 13 जिलों की मतदाता सूची से 177609 नामों को हटाया गया।
मृत्यु प्रमाणपत्र जुटाए, शिफ्टिंग पर नोटिस भेजे
एडीएम नैनीताल शिवचरण द्विवेदी का कहना है कि जिन लोगों की मौत हो चुकी है, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जुटाने के बाद बीएलओ से जांच करवाई गई। शिफ्टिंग मतदाताओं के लिए बीएलओ और प्रधान की उपस्थिति में समिति बनी। इन नामों को ढूंढ एसडीएम के माध्यम से नोटिस भेजे गए।
दूसरी जगह शिफ्ट होने संग वहां भी वोटर कार्ड बनाने की बात बताने पर एक जगह से नाम हटा दिया गया। तीसरी श्रेणी उन लोगों की थी जो कि गांव और शहर दो जगह की लिस्ट में शामिल थे। प्रधानी चुनाव में मतदान के चक्कर ज्यादातर लोग ऐसा करते हैं।
जिला – निरस्त कार्ड
हरिद्वार – 25936
नैनीताल – 16020
अल्मोड़ा – 12360
ऊधम सिंह नगर – 22415
पिथौरागढ़ – 14561
बागेश्वर – 4673
चंपावत – 4034
चमोली – 6506
उत्तरकाशी – 6489
रुद्रप्रयाग – 4242
टिहरी – 8687
पौड़ी – 17647
देहरादून – 34039
किस जिले में कितने मतदाता पहचान पत्र निरस्त
उत्तराखंड में 8336780 वोटर – 129062 का पहला वोट
22 जनवरी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आंकड़े जारी कर बताया था कि राज्य में वोटरों की कुल संख्या 8336780 है। इनमें 129062 युवा ऐसे हैं जो पहली बार वोट देंगे। इनकी उम्र 18 से 19 के बीच है। सिर्फ रुद्रप्रयाग जिले में पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक हैं। वहीं, बागेश्वर, चंपावत में जनवरी तक एक भी ट्रांसजेंडर मतदाता नहीं था।