
एफएनएन, अयोध्या : इस बार 17 अप्रैल को आ रही रामनवमी के लिए अयोध्या सजधज कर पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा के पुख्ता और अभूतपूर्व इंतजाम हैं। जनवरी में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद यह पहला मौका है, जब अयोध्या में इतनी भीड़, इतनी सुरक्षा देखी जा रही है।
रामनवमी से पहले की तैयारियों को सड़कों से लेकर अयोध्यावासियों के मस्तक तक महसूस किया जा सकता है। कभी महर्षि वाल्मीकि ने वर्णन किया था कि अयोध्या वह स्थान था, जहां के चौड़े मार्गों पर रोज जल छिड़का जाता था। घरों पर पताकाएं लहराती थीं। वहीं, तुलसीदासजी ने अवधपुरी की सुंदरता का वर्णन किया था। रामनवमी से ठीक पहले अगर आप अयोध्या की मुख्य सड़कों पर चलेंगे तो वाल्मीकि के शब्द शिल्प ‘सरयूतीरे प्रभूतधनधान्यवान्’ और तुलसीदासजी के भाव ‘बंदउँ अवध पुरी अति पावनि’ को महसूस कर सकेंगे।
रेलवे स्टेशन से अयोध्या की ओर बढ़ेंगे तो भक्तों की भीड़ नजर आएगी। राम पथ पर एक जैसे बोर्ड वाली दुकानों में कहीं गहमा-गहमी तो कहीं फूलों-रंगोली की सजावट दिखेगी। जब कतार में लगकर रामलला के दर्शन के लिए पहुंचेंगे तो मंदिर की भव्य सजावट देख मौसम की तपिश भूल जाएंगे। रामलला की प्रतिष्ठित मूर्ति जितनी दिव्य है, मंदिर परिसर के अंदर रोशनी और फूलों से सजावट उतनी ही सुंदरता से की गई है।
बहरहाल, अगर अयोध्या आ रहे हैं तो कुछ बातें जान लेना जरूरी है।

