- आखिर इतनी भी क्या जल्दी थी
एफएनएन, नई दिल्ली: रूस ने भले ही दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने का दावा किया हो लेकिन इस वैक्सीन के तमाम साइड इफैक्ट सामने आ रहे हैं। साइड इफेक्ट के तौर पर दर्द, स्वेलिंग, हाई फीवर की तकलीफ देखने को मिल रही है। वहीं, कमजोरी, एनर्जी की कमी, भूख नहीं लगना, सिर दर्द, डायरिया, नाक बंद होना, गला खराब और जुकाम जैसी शिकायतें भी रिपोर्ट की गई हैं। रूसी अधिकारियों ने सिर्फ 42 दिन के रिसर्च के बाद वैक्सीन को मंजूरी दे दी। इसी वजह से यह पता नहीं चल सका है कि वैक्सीन कितनी अधिक प्रभावी है। इधर, वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए जो कागजात दिए गए थे, उनमें लिखा था कि महामारी पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर कोई भी क्लिनिकल स्टडी नहीं हुई है। हालांकि, पुतिन ने कहा था कि वैक्सीन सभी जरूरी टेस्ट में पास हो गई है।
दुनिया में हो रही है आलोचना
रूस ने अपनी कोरोना वैक्सीन का नाम स्पुतनिक वी. रखा है और कई देशों में सप्लाई की तैयारी भी कर रहा है। हालांकि, दुनियाभर के कई वैज्ञानिकों ने रूस के कदम की कड़ी आलोचना की है। वैज्ञानिकों को डर है कि वैक्सीन गलत या खतरनाक साबित होने पर महामारी और विकराल रूप ले सकती है।
रूस खुद भी सहमत नहीं
रूस ने 18 साल से कम उम्र और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी रूसी वैक्सीन लगाने की इजाजत नहीं दी है, क्योंकि ऐसे लोगों पर क्या असर होगा, इसकी जानकारी नहीं है। प्रेग्नेंट और बच्चों को स्तनपान कराने वालीं महिलाओं को भी वैक्सीन नहीं दी जाएगी। पहले से गंभीर बीमारी का सामना कर रहे लोगों को भी अतिरिक्त सतर्कता के साथ वैक्सीन लगाने की बात कही गई है।