Thursday, August 7, 2025
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मौसम ने बदली करवट, चारधामों में बर्फबारी जारी; पांच जिलों में तूफान और ओलावृष्टि का अलर्ट

एफएनएन, देहरादून:  शुक्रवार देर अचानक उत्‍तराखंड में मौसम ने करवट ली। गढ़वाल और कुमाऊं के कई इलाकों में गरज के बार बारिश हुई। वहीं आइएमडी ने आज शनिवार को देहरादून में तूफान और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है।

शनिवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश की चलते पछुआदून में गेहूं की फसल गिर गई है। तेज हवा के चलते आम के बौर भी झड़ गए। किसान उपज गिरने की आशंका से परेशान हैं।

यहां शुक्रवार रात से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ था और शनिवार सुबह झमाझम बारिश शुरु हो गई। करीब आधे घंटे तक चली तेज बारिश और हवा के चलते गेहूं की तैयार हो रही फसल गिर गई। बारिश के बाद मौसम सुहावना हो गया। जौनसार बावर के सहिया क्षेत्र में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई है।

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ऊंचाई के इलाकों में हल्की बर्फबारी

चमोली जिले में भी मौसम का मिजाज बदला है। निचले स्थानों में बूंदाबांदी व ऊंचाई के इलाकों में हल्की बर्फबारी हो रही है। चमोली जनपद के बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी आदि इलाकों में हल्की बर्फबारी हो रही है। वहीं जोशीमठ, पीपलकोटी, गोपेश्वर सहित अन्य जगह पर हल्की बूंदाबांदी हो रही है।

औली में बर्फबारी शुरू हो गई है। बर्फबारी से औली की वादियां बेहद खूबसूरत हो गई हैं। पर्यटक बर्फबारी से बेहद खुश हैं।

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केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी बर्फबारी हो रही है। विकासनगर में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। हरिद्वार में तेज हवा और गरज के साथ हल्की वर्षा हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आज उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, व पिथौरागढ़ के ज्यादातर क्षेत्रों और देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल व चंपावत में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में कहीं कहीं बहुत हल्की वर्षा होने का अनुमान है। 4000 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है।

ऑरेंज अलर्ट जारी

मौसम विभाग की ओर से आज प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की आशंका जताई गई है। चोटियों पर हल्का हिमपात भी हो सकता है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि और आंधी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

वहीं शनिवार को तड़के देहरादून में बारिश हुई। मसूरी में बूंदाबांदी के साथ ओले गिरे। कोटद्वार में मध्य रात्रि के बाद से रुक रुक कर बारिश हो रही है। उत्तरकाशी सहित आसपास के क्षेत्र में घने बादल छाए हुए हैं। वर्षा के प्रबल आसार बने हुए हैं। पौड़ी में घने बादल छाए हैं। बारिश की संभावना है।

उच्च हिमालय में हो रहा हिमपात

बीते दो दिन तेजी से बढ़ रहे तापमान से राहत मिली । शनिवार सुबह पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय सहित जिले के अधिकांश क्षेत्रों में तेज गरज के साथ हल्की वर्षा हुई। वहीं उच्च हिमालय में हिमपात हुआ। बीते दो दिनों से तापमान में अचानक वृद्धि होने से समय से पूर्व ही गर्मी का अहसास होने लगा था। लोगों के शरीर से गरम कपड़े उतर गए थे।

शनिवार सुबह से ही आसमान बादलों से घिरा था और हवा चल रही थी। सुबह एक बार हल्की वर्षा हुई। बाद में दस बजे के आसपास जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में तेज गरज के साथ फिर से वर्षा हुई। इस दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भी वर्षा हुई। दोपहर बाद मौसम सामान्य हो गया और धूप खिली।

मुनस्यारी और धारचूला से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह से ही हिमालय की ऊंची चोटियों पंचाचूली, राजरंभा, हंसलिंग, नंदा देवी सहित दारमा, व्यास की चोटियों पर भी हिमपात हुआ। वर्षा और हिमपात के चलते तापमान में गिरावट आने मौसम फिर से सुहाना हो गया है।

अंधड़ से गिरा एनएच पर चीड़ का पेड़, यातायात प्रभावित

बागेश्वर जिले में मौसम ने एकाएक करवट बदली। तेज हवाओं के साथ वर्षा हुई। हिमालयी गांवों के ओलावृष्टि होने से फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। अधड़ चलने से कई स्थानों पर चीड़ के पेड़ गिर गए। एनच बागेश्वर-पिथौरागढ़ मोटर मार्ग पर विशालकाय पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा।

शनिवार को सुबह से बादल छाए रहे। लगभग 10 बजे बाद तेज बिजली चमकने के साथ ही वर्षा हुई। गागरीगोल के अलावा हिमालयी क्षेत्रों में ओले गिरे। तेज अंधड़ से वर्षा थम गई, लेकिन जगह-जगह चीड़ के पेड़ गिर गए। कांडा-पिथौरागढ़ एनएच के छतीना बैंड के समीप विशालकाय चीड़ का पेड़ गिर गया।

वाहन चपेट में आने से बालबाल बच गए। यातायात प्रभावित हो गया। सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। फायर सर्विस की टीम घटना स्थल रवाना हुई। भारी मशक्कत के बाद पेड़ को काट कर सड़क से हटाया। फायर अधिकारी गोपाल सिंह रावत ने बताया कि किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। पेड़ को काट कर हटा दिया गया है। उधर, हिमालयी क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। वर्षा की संभावना बनी हुई है।

ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

ओलावृष्टि से गेहूं की खड़ी फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। गेहूं खेतों में बिछ गया है। इसके अलावा गोभी, लहसून, प्याज, धनिया आदि सब्जियां भी बर्बाद हो गईं हैं। आम का बौर भी गिर गया है। जिससे किसान निराश हैं।

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