- उपाध्यक्ष की दलील- कार्यकाल खत्म, नहीं बुला सकते आम सभा
- महामंत्री का दावा- कार्यकारिणी विधिसम्मत, बेवजह हो रहा विरोध
एफएनएन, देहरादून। सचिवालय संघ में दूसरे संवर्ग के कार्मिकों को सदस्य बनाने का मसले पर बढ़ी रार थमने का नाम ही नहीं ले रही है। सचिवालय संघ के उपाध्यक्ष संदीप मोहन चमोला का साफ कहना है कि मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल खत्म हो चुका है लिहाजा उसे आमसभा बुलाने का अधिकार ही नहीं है। इसलिए सचिवालय संवर्ग से नए सदस्य बनाकर मतदाता सूची अपडेट करते हुए नियमानुसार चुनाव कराए जाएं। वहीं, संघ के महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि यदि आमसभा नहीं होने दी जाएगी, तो इस प्रकरण का पटाक्षेप कराने के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे।
सचिवालय संघ की कार्यकारणी ने कुछ समय पहले सचिवालय में कार्य कर रहे दूसरे विभागों के कार्मिकों को संघ के सदस्य के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसका संघ के पदाधिकारी ही विरोध कर रहे हैं। दरअसल, इन नए सदस्यों को मत देने का अधिकार भी दिया जा रहा है। अब क्योंकि संघ के चुनाव जल्द होने हैं, इसे देखते हुए नए सदस्यों को वोट बैंक के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही संघ के पदाधिकारी व पूर्व पदाधिकारी इस मसले पर आमने-सामने हैं।
इसी कड़ी में अब सचिवालय संघ के उपाध्यक्ष ने अपनी ही कार्यकारिणी के निर्णयों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सचिवालय सेवा से इतर कर्मचारियों को संघ में शामिल करने का निर्णय वर्ष 2013 में किया गया था। अब तक इस निर्णय का अनुपालन नहीं हुआ। ऐसे में अब इसका अनुपालन करना कहां तक उचित है। संघ की मौजूदा कार्यकारिणी को कार्य विस्तार भी नहीं मिला है। ऐसे में संघ केवल कामचलाऊ व्यवस्था पर काम कर रहा है। संघ को चुनाव के अलावा कोई और निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।
वहीं, संघ के महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि संघ संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्य कर रहा है। अब कुछ नेता जबरन आमसभा का भी विरोध कर रहे हैं। अगर वे इसमें बाधा डालते हैं तो इसी विवाद का निपटारा कराने के बाद ही संघ के चुनाव पर निर्णय होगा। बोले-सरकार को संघ के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।
विरोध में हस्ताक्षर अभियान शुरू
सचिवालय संघ में दूसरे संवर्ग के कार्मिकों को सदस्य बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू हो गया है। संघ के निर्णय का विरोध कर रहे सदस्यों द्वारा चला गए इस अभियान में अभी तक 150 से अधिक सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। गौरतलब है कि संघ में सदस्यों की संख्या 1300 से अधिक है।