- सांसद निधि खर्च करने में अजय टम्टा सबसे आगे, डाॅ कल्पना सैनी सबसे पीछे
एफएनएन, रुद्रपुर : जिन्हें आप उमस भरी गर्मी में लंबी लाइन में खड़े होकर वोट देते हैं, उन पर अपने क्षेत्र के विकास का भरोसा रखते हैं अगर वही जीतने के बाद सिर्फ औऱ सिर्फ दिखावे में यकीन रखें तो आपकी राय क्या होगी ? निश्चित तौर पर आप यही कहेंगे कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्हें जनता की सुख सुविधाओं से कोई लेना देना नहीं। मैं यहाँ ऐसा यूं ही नहीं कह रहा, दरअसल इसके पीछे तथ्य हैं, सच्चाई है। यह सच्चाई इस तस्वीर को बयां करती है कि या तो हमारे प्रदेश के सांसदों के पास कोई विजन या योजना नहीं है या फिर वह लापरवाह हैं। दरअसल अपनी निधि को खर्च करने में उत्तराखंड के सांसद फिसड्डी साबित हुए हैं।
उनका कार्यकाल खत्म होने में कुछ मा ही शेष हैं लेकिन अभी तक अपनी निधि की 64% धनराशि को वह खर्च नहीं कर सके हैं। यानी उत्तराखंड के सांसदों की 74.12 प्रतिशत कुल 95.65 करोड़ की सांसद निधि खर्च होने को शेष है। इसमें लोकसभा सांसद जिनका कार्यकाल समाप्त होने के कुछ माह ही बकाया है, उनकी 64.77 प्रतिशत यानी 56.45 करोड़ की सांसद निधि खर्च नही हो सकी है।केन्द्रीय मंत्री तथा नैनीताल सांसद अजय भट्ट की 61.31 प्रतिशत यानी 10.6 करोड़ तथा पूर्व मुख्यमंत्री तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत की 78.65 प्रतिशत यानी 13.63 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी है।
यह खुलासा काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने किया है। उत्तराखंड के ग्राम विकास आयुक्त कार्यालय से सांसद निधि खर्च सम्बन्धी सूचना पर यह पर्दाफाश हुआ है। लोक सूचना अधिकारी/उपायुक्त (प्रशासन) सुधा तोमर की ओर से उपलब्ध कराए गए विवरण में जुलाई 2023 के अंत तक की उत्तराखंड के लोक सभा तथा राज्य सभा सांसदों की सांसद निधि खर्च का विवरण दिया गया है। उत्तराखंड के वर्तमान 5 लोक सभा सांसद कुल 85 करोड़ की सांसद निधि प्राप्त करने के पात्र हैं लेकिन इन सांसदों के द्वारा पिछली निधि के खर्च सम्बन्धी प्रमाण, आडिट रिपोर्ट आदि उपलब्ध न कराए जाने से 45 करोड़ की सांसद निधि 12 अक्तूबर 23 तक जारी ही नहीं हुई है जबकि भारत सरकार से प्राप्त 40 करोड़ की सांसद निधि में 2.15 करोड़ का ब्याज जोड़कर कुल 42.15 करोड़ की सांसद निधि में से भी जुलाई 2023 तक 11.45 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी।
जारी न हुई धनराशि जोड़कर कुल 56.45 करोड़ की सांसद निधि जो कुल सांसद निधि का 64.77 प्रतिशत है, अभी खर्च होने को शेष है।उत्तराखंड के राज्यसभा के वर्तमान 3 सांसद 12 अक्तूबर 23 तक 41.5 करोड़ की सांसद निधि प्राप्त करने पात्र हैं लेकिन उन्हें 32 करोड़ की सांसद निधि जारी नहीं हुई है जबकि भारत सरकार से प्राप्त 9.5 करोड़ की सांसद निधि में 0.4 करोड़ का ब्याज जोड़कर कुल उपलब्ध 9.9 करोड़ की सांसद निधि में से 7.2 करोड़ की सांसद निधि खर्च नहीं हो सकी है। जारी न हुई धनराशि जोड़कर कुल 39.2 करोड़ की सांसद निधि जो कुल सांसद निधि का 93.56 प्रतिशत है, खर्च होने को शेष है।
12 अक्तूबर 23 तक लोक सभा सांसद 17-17 करोड़ रूपये की सांसद निधि भारत सरकार से प्राप्त करने के पात्र है। लेकिन हरिद्वार सांसद डाॅ0 रमेश पोखरियाल, नैनीताल सांसद अजय भट्ट तथा पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत को 7-7 करोड़ तथा अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा तथा टिहरी सांसद माला राज लक्ष्मी को 9.5-9.5 करोड़ की सांसद निधि 12 अक्तूबर 23 तक जारी हुई है। इनकी क्रमशः 10 करोड़ तथा 7.5 करोड़ की सांसद निधि जारी होने को शेष है। इन सांसदों को जो सांसद निधि जारी हुई है उसमें से भी धनराशि खर्च होने को शेष है। हरिद्वार सांसद पूर्व केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री डा0 रमेश पोखरियाल को जारी कुल सांसद निधि ब्याज सहित 17.38 करोड़ में से जुलाई 2023 तक मात्र 4.83 करोड़ ही खर्च हो सके। यानी उनकी 72.21 प्रतिशत सांसद निधि खर्च होने को शेष है।
नैनीताल सांसद तथा केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट 17.29 करोड़ की सांसद निधि में से सिर्फ 6.69 करोड़ ही खर्च कर पाए हैं। 10.6 करोड यानी उनकी 61.31 प्रतिशत सांसद निधि अभी खर्च होना शेष है। पूर्व मुख्यमंत्री तथा पौड़ी से सांसद तीरथ सिंह रावत भी इनसे काम नहीं हैं। कुल 17.33 करोड़ की सांसद निधि में से वह मात्र 3.7 करोड़ ही खर्च कर पाए हैं। 13.63 करोड़ यानी 78.65 प्रतिशत उनकी सांसद निधि खर्च होना शेष है।
अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा की कुल 17.08 करोड़ की सांसद निधि में से 7.84 करोड़ ही खर्च हुए हैं। 9.24 करोड़ यानी 54.10 प्रतिशत सांसद निधि अभी उन्हें कुछ माह में ही खर्च करनी है जो संभव नहीं है। टिहरी से सांसद श्रीमति माला राज लक्ष्मी 18.07 करोड़ की सांसद निधि में से 7.64 करोड़ ही खर्च कर सकी हैं। 10.43 करोड़ यानी 57.72 प्रतिशत सांसद निधि खर्च होने को शेष है।
अब बात करते हैं राज्य सभा सांसदो की तो डाॅ0 कल्पना सैनी की कुल 7.5 करोड़ सासंद निधि में से 0.05 करोड़ ही खर्च हो सकी है। 7.45 करोड़ यानी 99.33 प्रतिशत उनको अभी खर्च करना है। अनिल बलूनी की 22.4 करोड़ सांसद निधि में से 1.95 करोड़ ही खर्च हुए हैं। 20.45 करोड़ यानी 91.29 प्रतिशत अभी उनको भी खर्च करनी बाकी है। नरेश बंसल की 12 करोड़ में से 0.7 करोड़ खर्च होकर 11.3 करोड़ की सांसद निधि बची है, जो धनराशि का 94.17 प्रतिशत है।