- सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है
- भारतीय जनता पार्टी ने पहले दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को राज्य में भेजा था
- उसके बाद सीएम ने खुद दिल्ली जाकर पार्टी के सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी
एफएनएन,देहरादून : उत्तराखंड में बड़ी सियासी हलचल सामने आई है। सूत्रों के अनुसार यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने पहले दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को राज्य में भेजा था। उसके बाद सीएम ने खुद दिल्ली जाकर पार्टी के सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी। अब बुधवार यानी 10 मार्च को 11 बजे उत्तराखंड बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने इस बात की पुष्टि की है।प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएम रावत राजभवन पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। अब रावत की जगह सीएम की कुर्सी की रेस में कई नाम चल रहे हैं। खास तौर पर अजय भट्ट, अनिल बलूनी और सतपाल महाराज का नाम आगे बताया जा रहा है।
गैरसैण में बैठक, नेतृत्व बदलने की सुगबुगाहट
शनिवार को गैरसैण बजट सत्र के दौरान देहरादून में बीजापुर गेस्ट हाउस में एक बड़ी बैठक आयोजित हुई। यह बैठक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने बुलाई थी। इसके बाद से प्रदेश नेतृत्व के बदलने की संभावना तेज हो गई थी। बैठक समाप्त होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों को खारिज किया और इस बैठक को रूटीन बैठक बताया।
अभी कौन-कौन हैं CM की रेस में-
1. अजय भट्ट
अजय भट्ट अभी नैनीताल-उधमनगर सीट से लोकसभा सांसद हैं। मूल रूप से हल्द्वानी के निवासी अजय भट्ट शुरुआत से ही बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। बता दें कि अजय भट्ट का परिवार भी जनसंघ से जुड़ा रहा है। भट्ट ने पहली बार 1980 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी। इसके बाद 1985 में भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े। 2012 से 2017 के दौरान वह विधानसभा में नेता विपक्ष थे। बीजेपी की सरकार में वह कई विभागों के मंत्री रहे हैं।
2. अनिल बलूनी
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी इस समय वह बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। वह पार्टी आलाकमान के खास माने जाते हैं। इसके साथ ही पार्टी के दिग्गज नेता दिवंगत अरुण जेटली और रवि शंकर प्रसाद के बाद बलूनी पार्टी के ऐसे नेता हैं, जिनको राष्ट्रीय संगठन के मीडिया प्रमुख के साथ-साथ मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है।
3. सतपाल महाराज
राजनीतिक हस्ती के साथ-साथ वह आध्यात्मिक गुरु भी हैं। कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की। देवगौड़ा और गुजराल सरकार में वह केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2017 में चौबट्टाखाल सीट से विधायक होने के साथ ही वह त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। उत्तराखंड में काफी अच्छी पकड़ है। देश के कई हिस्सों में फॉलोअर्स।