एफएनएन, देहरादून : उत्तराखंड में 10 मार्च यानी गुरुवार को नेताओं की किस्मत का पिटारा खुल जाएगा। ईवीएम और पोस्टल बैलेट में बंद नतीजे सबके सामने आ जाएंगे। सुबह सात बजे से मतगणना शुरू होगी और आखिरी मत की गिनती तक जारी रहेगी।राज्य में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 632 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। चुनाव में कई नए चेहरे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे हैं तो कुछ अपनी परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाल कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
विगत 14 फरवरी को हुए इस चुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। जिस कारण राज्य की 70 सीटों में से 16 सीटों हाट बन चुकी है। इस सीटों पर उत्तराखंड के साथ ही केंद्र की भी पूरी नजर बनी हुई है। आइए जानते इन सीटों के समीकरण…
- खटीमा सीट
ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट की सबसे दो हाट सीट में शामिल है, क्योंकि यहां से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मैदान में है। वहीं उनके खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी भुवन कापड़ी चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 के विस चुनावों में धामी ने भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था। पुष्कर धामी को 29,539 वोट मिले थे और भुवन कापड़ी को 26830 वोट मिले थे। खटीमा सीट का परिणाम का इंतजार उत्तराखंडवासी ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों को है। सीएम की सीट होने के कारण इस सीट पर सबकी नजर है। खटीमा वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी की परंपरागत सीट है। यहां से वह दो बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत कई स्टार प्रचारकों ने यहां रैली व जनसभाएं कीं। वहीं प्रियंका गांधी ने भुवन कापड़ी के पक्ष में खटीमा में जनसभा की थी।
- लालकुंआ सीट
नैनीताल जिले की लालकुंआ विधानसभा सभा सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत मैदान में हैं। हरीश रावत चुनाव से पहले ही सोशल मीडिया पर अपनी बयानबाजी से हलचल मचाए हुए हैं। पहले हरीश रावत को रामनगर सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था। बगावत होने पर उन्होंने लालकुआं सीट चुनी, यहां पर पूर्व में आवंटित संध्या डालाकोटी ने बगावत कर दी। हरीश रावत ने उन्हें मनाने के खूब जतन किए, लेकिन वो नहीं मानीं और निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस सीट पर हरीश रावत के खिलाफ भाजपा से डा. मोहन सिंह बिष्ट चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं इससे पूर्व चुनाव में हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा दो सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों सीट से हार गए थे। इसलिए भी हरीश रावत पर लोगों की दिलचस्पी ज्यादा है।
- हरिद्वार सीट
हरिद्वार विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ भी कहा जा सकता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस से सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं। इस सीट से मदन कौशिक लगातार चार बार जीते हैं।
- हरिद्वार ग्रामीण सीट
हरिद्वार ग्रामीण सीट से कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद चुनावी मैदान में हैं। यतीश्वरानंद भाजपा प्रत्याशी के तौर पर तीसरी बार मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत चुनाव लड़ रही हैं। बसपा ने पहले दर्शनलाल शर्मा और फिर युनुस अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में यहां से भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को शिकस्त दी थी। इसलिए इस सीट पर भी मुकाबल दिलचस्प होगा।
- बाजपुर सीट
ऊधमसिंह नगर जिले की बाजपुर सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य चुनाव लड़ रहे हैं। आर्य चुनाव से कुछ समय पूर्व ही अपने बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हुए। भाजपा से यहां राजेश कुमार प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। 2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई इस सीट से यशपाल आर्य लगातार दो बार विधानसभा पहुंचे। एक बार कांग्रेस व तो दूसरी बार भाजपा से उन्हें यह मौका मिला।
- कालाढूंगी
नैनीताल जिले की कालाढूंगी सीट से कैबिनेट मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस के टिकट पर महेश शर्मा चुनावी मैदान में हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बंशीधर भगत ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को 20,597 मतों से हराया था।
- डीडीहाट सीट
पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट सीट से भाजपा के टिकट पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप सिंह पाल उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।