Friday, November 22, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडदो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया, मलारी में...

दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया, मलारी में करेंगे प्रवास

एफएनएन, देहरादून : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया आज दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे। सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और मंत्री मदन कौशिक ने उनका स्वागत किया। दो दिवसीय भ्रमण के दौरान वे आज सीमांत जनपद चमोली के मलारी गांव में प्रवास करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री रावत ने बताया कि केंद्रीय मंत्री आज राज्य अतिथि गृह से कैनाल रोड़ जाखन स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद जीटीसी हेलीपैड देहरादून से आर्मी हेलीपैड मलारी चमोली के लिए रवाना होंगे। जहां से वह दोपहर 12ः30 बजे आईटीबीपी कैंप मलारी विलेज पहुंचेंगे।

करीब एक घंटा आईटीबीपी कैंप में रुकने के बाद मंत्री मलारी के ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की समीक्षा करेंगे।

डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि वह मलारी के अलावा आस-पास के कैलाशपुर, गुरगुटी, बंपा, गमशाली और नीति गांव का भी भ्रमण करेंगे। इसी बीच केन्द्रीय मंत्री स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ मानी जाने वाली आशा कार्यकत्रियों से भी संवाद करेंगे और सीमांत क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा करेंगे।

  • तीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक का करेंगे शिलान्यास 
डॉ. रावत ने बताया कि मलारी भ्रमण के उपरांत केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री 31 मार्च को वापस देहरादून पहुंचेंगे। जहां पर वह मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 11ः30 बजे स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। जिसके अंतर्गत दून मेडिकल कॉलेज के 500 बेड क्षमता के अस्पताल तथा ईसीआरपी-2 एवं प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इंस्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत तीन जनपदों श्रीनगर (पौड़ी), रूद्रप्रयाग व नैनीताल हेतु स्वीकृत 50-50 बेड के तीन क्रिटिकल केयर ब्लॉक का शिलान्यास शामिल है। करीब तीन बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट से वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
  • क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम
देश के उत्तरी सीमा के सामरिक महत्व को देखते हुये भारत सरकार द्वारा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू किया गया है जो कि वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक चलेगा। इसके लिये भारत सरकार द्वारा 4800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 2500 करोड़ रूपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। इस कार्यक्रम से चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लाकों में आजीविका के अवसर और आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी।

इस कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया गया है, इससे उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्वित हो सकेगा। इस कार्यक्रम से यहां रहने वाले लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण अवसर प्राप्त हो सकेंगे। योजना का उद्देश्य उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांवों में स्थानीय, प्राकृतिक और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाना है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments