Friday, November 22, 2024
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भाजपा विधायकों का प्रशिक्षण 8 अप्रैल से, मोदी-शाह समेत कई दिग्गज नेता पढ़ाएंगे राजनीतिक का पाठ

एफएनएन, देहरादून : प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के विधायकों की आठ अप्रैल से तीन दिन प्रशिक्षण पाठशाला चलेगी। इस पाठशाला में विधायकों के प्रोटोकॉल और अफसरशाही के हावी होने का मुद्दा भी गरमाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व अन्य केंद्रीय नेता वर्चुअल माध्यम से विधायकों को सांगठनिक, राजनीतिक और चुनाव प्रबंधन के पाठ पढ़ाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हरिद्वार में शाह से मिलकर विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम के लिए समय मांगा है। सभी केंद्रीय नेताओं को निमंत्रण देने के लिए वह नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।

बकौल भट्ट, पार्टी ने आठ, नौ व 10 अप्रैल को प्रशिक्षण कार्यक्रम की तिथि तय की है, लेकिन केंद्रीय नेताओं से समय प्राप्त होने के बाद इसमें बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि वह नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर उनसे प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम में विधायकों का मार्गदर्शन करने का अनुरोध करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई अन्य प्रमुख नेताओं से समय लेने का प्रयास होगा।

पाठशाला में ये सीखेंगे विधायकतीन दिवसीय प्रशिक्षण पाठशाला में भाजपा विधायकों को जनप्रतनिधित्व अधिनियम, विधायकों के अधिकार एवं कर्तव्य, सरकार और संगठन के संबंध, सांगठनिक प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, पार्टी के आगामी कार्यक्रमों में विधायकों की भूमिका, केंद्रीय और राज्य सरकार की नीतियां, कार्यक्रम और लोक कल्याण से जुड़े निर्णय समेत कई अन्य विषय होंगे, जिनके बारे में केंद्रीय नेता अपना मार्गदर्शन देंगे।

  • अफसर हावी हैं, प्रशिक्षण वर्ग में मुद्दा उठाएंगे : शैलारानी

भाजपा विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि उत्तराखंड में विधायकों के प्रोटोकॉल की स्थिति अच्छी नहीं है। अफसर हावी हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आठ मार्च से पार्टी विधायकों का प्रशिक्षण वर्ग होगा। इस कार्यक्रम में हम प्रोटोकॉल का मुद्दा उठाएंगे।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि को क्षेत्र में काम कराने होते हैं, लेकिन अफसरों का वैसा सहयोग नहीं मिल पाता। अफसर सुनते तो हैं, लेकिन उन्हें बार-बार बोलना पड़ता है। हम चाहते हैं कि एक ऐसी कार्य संस्कृति हो, जिसमें अधिकारी विधायकों की बात को सुनें। ऐसा वातावरण तैयार हो, जिसमें विधायक और अफसर दोनों का सम्मान हो।

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