एफएनएन नई दिल्ली: प्रोविडेंट फंड ऐसी रकम है जो रिटायरमेंट के बाद मिलती है। इसका इस्तेमाल मकान खरीदने से लेकर, बच्चों की पढ़ाई-शादी ब्याह के खर्च में होता है। हालांकि जरूरत पड़ने पर इस फंड से नौकरी के दौरान भी विड्राल किया जा सकता है। लेकिन ऐसा करने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। EPFO रिटायरमेंट के पहले शादी, मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा आदि के लिए प्रोविडेंट फंड का कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति देता है।
रिटायरमेंट के टाइम भारी नुकसान
अगर आप प्रोविडेंट फंड से पैसे निकालते हैं तो रिटायरमेंट के टाइम आपको लंबा नुकसान झेलना पड़ेगा। लिहाजा कोशिश यही करें कि नौकरी के दौरान पीएफ से पैसा न निकालना पड़े। हालांकि कुछ जरूरी खर्च के लिए आप रिटायरमेंट से पहले भी इस फंड से कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं। लेकिन पैसा निकालने से नुकसान होता है। इसी तरह कुछ लोग नौकरी बदलने पर पीएफ का पैसा निकाल लेते हैं। लेकिन ऐसा करने से अपने रिटायरमेंट के टाइम भारी नुकसान झेलना होता है। रिटायरमेंट के बाद फंड में कमी आ जाती है, जिससे पेंशन पर भी इसका असर पड़ता है। अगर आप रिटायरमेंट के बाद भी फंड नहीं निकालते हैं तो तीन वर्ष तक इसमें इंट्रेस्ट मिलता रहता है।
2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर मिलने वाला ब्याज हुआ तयहाल ही में ईपीएफओ की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों पर फैसला हुआ था। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज तय किया गया है। लेकिन ईपीएफओ की तरफ से सिर्फ 8.15प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज दिसंबर महीने में दिया जाएगा। EPFO के केंद्रीय न्यासी मंडल ने पांच मार्च की बैठक में EPF पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत कम है। न्यासी मंडल के अध्यक्ष श्रम मंत्री संतोष गंगवार हैं। EPF की यह प्रस्तावित दर सात साल की न्यूनतम दर है।