
एफएनएन, नैनीताल : पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरक सिंह रावत की याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हरक सिंह रावत ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा उनकी संपत्ति को कुर्क करने के आदेश को चुनौती दी थी. पिछली सुनवाई में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरक सिंह रावत को राहत देते हुए ईडी के आदेश पर रोक लगाई थी. वहीं शुक्रवार एक अगस्त की सुनवाई में भी उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुरानी रोक का आगे बढ़ते हुए मामले पर अगली 21 अगस्त को दी है. यानी अगली सुनवाई 21 अगस्त तक ईडी के आदेश पर रोक रहेगी.
वहीं तब तक कोर्ट ने विपक्षी के द्वारा पेश किए गए शपथ-पत्र पर अपना प्रति उत्तर पेश करने के आदेश हरक सिंह रावत को दिए है. बता दें कि ईडी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत ने साजिश के तहत देहरादून में मामूली कीमत पर रिहायशी क्षेत्र में बेशकीमती जमीन खरीदी है, जिसकी कीमत वर्तमान में करोड़ो रूपये की है.
इसके अलावा ईडी ने आरोप लगाया था कि हरक सिंह रावत ने बतौर मंत्री रहते हुए नेशनल पार्कों में भारी मात्रा में घोटाला किया हुआ है. इसके साथ ही ईडी ने हरक सिंह रावत पर कई अन्य घोटालों के आरोपी भी लगाए है. दरअसल, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट की 70 करोड़ से अधिक कीमत की 101 बीघा जमीन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी एक अनंतिम कुर्की आदेश पर सुनवाई की थी, जिस पर पर कोर्ट ने पूर्व में ही रोक लगा दी. ये केस दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट बनाम उत्तराखंड राज्य चल है.
ईडी के अनुसार ट्रस्ट का नियंत्रण हरक सिंह रावत के परिवार सहित अन्य दोस्तों के पास है, जो कांग्रेस नेता हैं. हरक सिंह रावत पहले भाजपा सरकार में मंत्री थे. शुक्रवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूर्व के आदेश पर लगी रोक को आगे बढ़ाते हुए अगामी तिथि से पहले रावत से अपना प्रति उत्तर पेश करने को कहा है.
बता दें कि ईडी स्पेशल कोर्ट में भी हरक सिंह रावत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है, जिसे भी हरक सिंह रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में हरक सिंह रावत को उत्तराखंड हाईकोर्ट से राहत मिली थी. कोर्ट ने ईडी के आरोप पत्र पर फिलहाल स्टे लगा दिया है. हरक सिंह रावत के वकील हिमांशु पाल ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट में सहसपुर जमीन प्रकरण पर वैधानिक प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी, जिस पर अब नैनीताल हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है.