

एफएनएन, कलियर : साबिर पाक के उर्स में आए पाकिस्तानी जायरीन का जत्था रविवार शाम अपने वतन के लिए रवाना हो गया। इससे पहले पाक जायरीन साबिर पाक की दरगाह पर आखिरी हाजरी देकर आए तो सभी लोग भावुक हो गए। उन्होंने सभी के साथ मुलाकात की। साथ ही अगले साल फिर से साबिर पाक के सालाना उर्स में आने की बात कही।
साबिर पाक के 755 वें उर्स में शामिल होने के लिए 107 पाकिस्तानी जायरीन का जत्था 26 सितंबर को लाहौरी एक्सप्रेस से रुड़की और वहां से कलियर पहुंचा था। इस दौरान पाक जायरीन ने उर्स की सभी रस्मों में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उर्स में शामिल होने आए पाक जत्थे ने साबिर साहब की जियारत करने के साथ ही यहां के लोगों से मुलाकात की। इस मुलाकात में पाक जायरीन बेहद खुश नजर आए।
- भारत में मिला प्यार और सम्मान
रविवार को साबिर पाक की दरगाह पर हाजिरी के बाद पाक जायरीन ने कहा कि उन्हें कभी यह नहीं लगा कि वह किसी दूसरे मुल्क में हैं। भारत में उन्हें बेहद प्यार और सम्मान मिला। इस सम्मान और प्यार को वह जिंदगीभर यादों में संजोकर रखेंगे।
रविवार शाम पाक जायरीन को उत्तराखंड परिवहन निगम की सात बसों में बैठाकर कड़ी सुरक्षा के बीच कलियर के साबरी गेस्ट हाउस से रुड़की रेलवे स्टेशन भेजा गया। पाक जायरीन भावुक नजर आए। रविवार रात 11:30 बजे पाक जायरीन का दल लाहौरी एक्सप्रेस से पाकिस्तान के लिए रवाना होगा।
- दिए यादगार गिफ्ट
पाक जायरीन ने कलियर उर्स में निशानी के तौर पर नक्काशी वाले बर्तन, बनारस की साड़ियां, झंडा होटल का हलवा, पराठा, पतंजलि के कई प्रोडक्ट, सोहन हलवा, सहारनपुर का लकड़ी का सामान आदि खरीदा। वहीं, दरगाह प्रशासन की ओर से पाक जायरीन को प्रसाद, इलायची दाना, चादर आदि भेंट की गई।
पाकिस्तानी जायरीन ने बताया कि उन्हें उर्स का बाजार बेहद अच्छा लगा। उर्स में हो रही कव्वालियों की महफिल के वह दीवाने हो गए। यहां की सभी यादों को वह पाकिस्तान जाकर अपने परिवार व परिचितों के साथ साझा करेंगे।