एफएनएन,केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र भेजकर कहा है कि जेनको का 9372.49 करोड़ तथा कोल इंडिया का 319.82 करोड़ रुपये बकाये का तत्काल भुगतान किया जाए नहीं तो प्रदेश की बिजली रोकी जा सकती है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) व कोल इंडिया के 9692 करोड़ रुपये के बकाये का तत्काल भुगतान करने को कहा है। तत्काल भुगतान न करने पर प्रदेश की बिजली रोकने की भी चेतावनी दी गई है। केंद्र के इस कदम से वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कॉर्पोरेशन के सामने अतिरिक्त बिजली के इंतजाम के साथ भुगतान की चुनौती खड़ी हो गई है।
उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि अनुबंध के अनुसार पावर कॉर्पोरेशन जिन उत्पादन इकाइयों से बिजली खरीदता है उनको लगातार भुगतान करता रहता है और भुगतान में देरी पर 12 से 18 प्रतिशत तक ब्याज भी देना पड़ता है। बिजली संकट के दौर में इस तरह का दबाव बनाना सही नहीं है।
उधर, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से बकाये पर बिजली रोकने की धमकी देना असांविधानिक है। यह धमकी पावर कॉर्पोरेशन को नहीं, बल्कि प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को दी जा रही है।