एफएनएन, नई दिल्ली : भारत में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। हर रोज करीब एक लाख नये केस सामने आ रहे हैं। लेकिन इस बीच कोरोना वैक्सीन से जुड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ ने बड़ी सफलता हासिल की है। भारत बायोटेक ने 20 बंदरों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांटकर रिसर्च किया। एक ग्रुप को प्लेसीबो दिया गया, बाकी तीन ग्रुप्स को तीन अलग-अगल तरह की वैक्सीन 14 दिन के अंतराल पर दी गई। किसी भी बंदर में निमोनिया के लक्षण नहीं मिले। फिलहाल इस वैक्सीन का भारत में अलग-अलग जगहों पर फेज एक क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसी महीने भारत बायोटेक को फेज 2 ट्रायल की अनुमति दी है।
भारत की पहली कोरोना वैक्सीन है ‘कोवैक्सिन’
कोवैक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर डेवलप किया है। भारत बायोटेक ने 29 जून को ऐलान किया था कि उसने वैक्सीन तैयार कर ली है। ICMR-भारत बायोटेक की Covaxin एक ‘इनऐक्टिवेटेड’ वैक्सीन है। यह उन कोरोना वायरस के पार्टिकल्स से बनी है जिन्हें मार दिया गया था ताकि वे इन्फेक्ट न कर पाएं। कोविड का यह स्ट्रेन पुणे की NIV लैब में आइसोलेट किया गया था। इसकी डोज से शरीर में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज बनती हैं।
15 जुलाई से शुरू हुआ था ट्रायल
भारत में बनी पहली कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का फेज एक ट्रायल 15 जुलाई 2020 से शुरू हुआ था। देशभर में 17 लोकेशंस पर फेज एक ट्रायल हुए। कोवैक्सिन ट्रायल की सारी डिटेल्स ICMR को भेजी जाएंगी। वहीं डेटा को एनलाइज किया जा रहा है। दिल्ली एम्स में कोवैक्सिन का फेज 2 ट्रायल शुरू हो गया है। रेवाड़ी के गावं खरखड़ा निवासी प्रकाश यादव को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। उन्हें 0.5उस की डोज देने के बाद दो घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया। डॉक्टर अगले 7 दिन तक उनके टच में रहेंगे। 28 दिन बाद प्रकाश को दूसरी डोज दी जाएगी। भारत बायोटेक को उम्मीद है कि उसकी वैक्सीन अगले साल की पहली तिमाही तक उपलब्ध हो जाएगी।