एफएनएन, नैनीताल : हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस के निर्देश पर हाई कोर्ट की सभी खंडपीठों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जुड़ने के दौरान किसी भी अशोभनीय घटना को रोकने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। दिशा-निर्देशों के अनुसार नियमों का उल्लंघन करने पर न्यायालय के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। साफ किया है कि
अधिकृत व्यक्ति या इकाई के अलावा कोई भी व्यक्ति रिकार्ड, साझा या प्रसारित नहीं करेगा। इस प्रावधान के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा संस्था पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल आशीष नैथानी ने नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि कोई अधिवक्ता वीडियो कान्फ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से उच्च न्यायालय के समक्ष बिना किसी प्रतिबंध के उपस्थित होने का हकदार होगा। हालांकि वाद सूची में सूचीबद्ध अधिवक्ताओं और पक्षकारों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को कोर्ट हाल, वीडियो कान्फ्रेंस में शामिल होने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक कि विशेष रूप से अनुमति न ली जाए।
अगर वादी के अलावा कोई भी व्यक्ति वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में शामिल होना चाहता है, तो अदालत के सह-समन्वयक के समक्ष अग्रिम अनुरोध (लिस्टिंग की तारीख पर सुबह दस बजे से पहले) नाम और आइडी प्रमाण जैसे आधार, पैन कार्ड या अन्य प्रमाण का उल्लेख करते हुए किया जाएगा।
अधिवक्ताओं, पक्षकारों, वादकारियों आदि के पास सभी वैध विवरणों के साथ ई-मेल पता होना चाहिए। गूगल ई-मेल पता काज लिस्ट के समान होना चाहिए। वादी को प्रदर्शन नाम के रूप में अपना नाम और उसके बाद केस विवरण का उल्लेख करना होगा।
स्क्रीन शेयरिंग की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी ,जब तक कि इस उद्देश्य के लिए अधिवक्ता, पार्टी-इन-पर्सन की ओर से न्यायालय की मंजूरी के लिए अनुरोध न किया गया हो।
अधिवक्ता या पार्टी-इन-पर्सन के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को स्क्रीन साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उल्लंघन पर दर्ज होगा मुकदमा
नोटिफिकेशन के अनुसार, अगर कोई प्रतिभागी किसी ऐसे कार्य में लिप्त होता है, जिसे अनुचित माना जाता है, तो उसे वीसी कार्यवाही से बाहर किया जा सकता है। मामले में न्यायालय के निर्देशानुसार उचित कार्रवाई की जा सकती है। अधिकृत व्यक्ति या इकाई के अलावा कोई भी व्यक्ति रिकार्ड, साझा या प्रसारित नहीं करेगा।
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इस प्रावधान के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा संस्था पर कानून के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा। देश के बाहर के प्रतिभागियों को रजिस्ट्रार (न्यायिक) को पहले से ई-मेल भेजकर वीसी लिंक यानी हाई कोर्ट-ua @ nic.in में शामिल होने की अनुमति के लिए अनुरोध करना होगा।
दिशा-निर्देशों की प्रति सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेट्री जनरल, उत्तराखंड के महाधिवक्ता, बार काउंसिल आफ उत्तराखंड के चेयरमैन, शासकीय अधिवक्ता, उत्तर प्रदेश के एडिशनल चीफ स्टेंडिंग काउंसल, प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय, जिलों के जिला जज, परिवार न्यायालय सहित अन्य को भी भेजे गई है।