एफ़एनएन, रुद्रपुर : अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन के फैसले से पहले सवाल ‘ क्रेडिट ‘ पर अटका है। इंतजार है बजट सत्र खत्म होने का। शहर विधायक के लौटने के बाद फैसला भी सार्वजनिक हो जाएगा और क्रेडिट भी !
राजनीति मुद्दों को उलझाने और क्रेडिट लेने का नाम है। यही सब रुद्रपुर में भी चल रहा है। जी20 की बैठक से पहले अतिक्रमण हटाने के नाम पर एक मुद्दा गरम हुआ और हॉट बन गया। उन व्यापारियों के लिए चिंता स्वाभाविक थी जिनकी दुकानें इस अभियान में टूटने का खतरा बना था। लेकिन इसके पीछे अब खतरे का भय दिखाकर राजनीति चल रही है।
इस राजनीति के चक्रव्यूह में फंसने के बाद मेयर समेत भाजपा के तमाम नेता साइड लाइन किए जा चुके हैं। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। व्यापारी नेताओं के संबोधन में भी अलग ही भाव नजर आ रहे हैं। ‘ शिव और सिर्फ शिव ‘ किसी और की जरूरत फिलवक्त तो नहीं। यानी विधानसभा सत्र खत्म होगा तो संकट भी खुद ही खत्म हो जाएगा। जो विकल्प दिए गए हैं, उन्हीं के तहत दुकानों का भविष्य तय हो जाएगा। कुछ फिट दुकानें पीछे करने पर भी रजामंदी हो सकती है।
राजनीति का गणित समझ में आने के बाद कुछ नेता तो यहां तक कहने लगे हैं कि क्रेडिट लेने के लिए ही इसे हॉट इश्यू बनाया गया। उनका कहना है जय – जयकार के लिए व्यापार से खिलवाड़ करना ठीक नहीं है। रोडवेज के सामने जिन व्यापारियों की दुकानें हैं उनमें कई व्यापारी ऐसे भी हैं, जो रोज कमाते और खाते हैं लेकिन राजनीति का क्या कहें !