
एफएनएन, लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 के पेपर लीक मामले में एक साल से फरार आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। टीम ने शुक्रवार को ठाकुरगंज के मनोचा बेकरी के पास से पकड़ा। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया।
एसटीएफ के एएसपी लालप्रताप सिंह के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी अभिनंदन कुमार ठाकुरगंज के रस्तोगीनगर का रहने वाला है। वह पेशे से दवा कारोबारी है। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा-2023 का आयोजन 11 फरवरी को किया गया था। परीक्षा से पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गया था। मामले की जांच शासन ने एसटीएफ को सौंप दी थी।
अभिनंदन ने एसटीएफ को बताया कि उसके पिता की माल में दवा की दुकान है। उसने भी अलाया डिस्ट्रीब्यूटर के नाम से विभूतिखंड में फर्म व ऑफिस खोल रखा है। उसका परिचय पीजीआई के वृंदावन कालोनी निवासी डॉ. शरद सिंह से हुई। उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के पेपर आउट कराने वाले कई लोग उनके परिचित है। अच्छी नौकरी लगवा देंगे।
15 लाख में सौदा, भोपाल होटल दिया गया था पेपर
विवेचक इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय के मुताबिक अभिनंदन ने पूछताछ में बताया कि शरद ने समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का फॉर्म भरने की बात बताई । साथ ही कहा कि 15 लाख रुपए की व्यवस्था करो तो मैं पेपर आउट करवाकर तुम्हें दे सकता हूं। शरद सिंह के कई बार कहने पर मैं तैयार हो गया। मैंने एडवांस हेतु कुल करीब एक लाख रुपए नकद दिए। उसने गारंटी के तौर पर मेरे हाई स्कूल, इन्टरमीडिएट व ग्रेजुएशन के अंक पत्र व प्रमाणपत्र और मेरा बैंक ऑफ बडौदा का ब्लैंक चेक ले लिया। 9 फरवरी 2024 की सुबह भोपाल पहुंचाने के लिए कहा।
भोपाल में होटल कमल पैलेस आनंद नगर में बुलाया, जहां पर सुभाष प्रकाश, विवेक उपाध्याय तथा अन्य काफी लड़के मौजूद थे। वहां पेपर मिला। इसके बाद परीक्षा दी, जो प्रश्नपत्र पढ़ाया गया था वहीं प्रश्न आये। लेकिन परीक्षा के पहले ही पेपर लीक हो गया। इस मामले में गिरोह के राजीव नयन मिश्रा, सुभाष प्रकाश और विवेक उपाध्याय को उसके साथियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। इसकी जानकारी होते ही मोबाइल सारा डाटा डिलिट कर भूमिगत हो गया।