- हेडिंग——
जिंदगी में रिग्रेट न रखें - क्रासर——-
-आईएएस चंद्रमोहन ने अपनी कहानी सुनाकर दिया विद्यार्थियों को संदेश
-जिंदगी में क्या करना है, कैसे करना है सवाल से अपना इंट्रेस्ट पता करें
एफएनएन, बरेलीः आईएएस चंद्रमोहन गर्ग आज विद्यार्थियों के बीच सीडीओ के बजाय एक शिक्षक के रूप में पहुंचे। एसआरएमएस कालेज आफ इंजीनियरिंग में उन्होंने बीटेक और एमबीए के विद्यार्थियों को लैक्चर दिया। मोटिवेट किया, सफलता के टिप्स दिए और बेहतर जिंदगी जीने के लिए अभी से तैयारी करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिंदगी में कोई रिग्रेट न रखें। जो मिला है उसे स्वीकार कर उसके साथ खुशी खुशी जीना शुरू करें। या जो पाना चाहते हैं, जी जान लगा कर उसे हासिल कर उसके साथ अपनी सफलता को सेलिब्रेट करें। यह सब आप पर ही निर्भर है। जिंदगी को इंज्वाय करें। भरपूर जियें। साथ ही जीवन में क्या करना है ? सवाल को खुद से पूछें। उसे तलाशें। कैसे करना है के साथ लक्ष्य बनाएं। क्या होगा जैसी दुविधा और निराशा से निपटें और जिंदगी में अपना मुकाम हासिल करें।
एसआरएमएस कालेज आफ इंजीनियरिंग में अपना लैक्चर देने से पहले शिक्षक बने आईएएस चंद्रमोहन ने बीटेक और एमबीए के विद्यार्थियों से सवाल पूछे। बोले, सारी जानकारी किसी के पास नहीं होती, लेकिन इसे सवाल पूछ कर हासिल किया जा सकता है। सवाल पूछ कर कोई भी व्यक्ति खुद को नासमझ साबित नहीं करता, बल्कि ताउम्र बेवकूफ बनने से बच जाता है। विद्यार्थियों के सवालों को उन्होंने एक एक कर नोट किया। फिर बोले, जीवन में क्या करना है ? कैसे करना है ? क्या होगा हमारा भविष्य ? असफलताओं से कैसे निपटें ? लगभग यही सवाल हैं आप सबके। इन सबका जवाब मेरी असफलता और सफलता की कहानी से मिल जाएगा। अब तक की जिंदगी में मैंने भी तमाम काम किए हैं। बीटेक किया। स्टार्ट अप शुरू किया।
एनजीओ के जरिये जिंदगी शुरू करने की कोशिश की। एमबीए किया। कारपोरेट में जाब भी की। बाद में यूपीएससी में 25वीं रैंक के साथ आईएएस बना। असफलता और उसका डर, च्वाइस और पैशन की कमी के साथ सामान्य जीवन न जीने का संकल्प और उससे निटने की तैयारी के साथ सफलता भी है मेरी कहानी में। बीटेक करने तक मेरा सबसे बड़ा अचीवमेंट सिर्फ उसमें पास होना था। फिर यूपीएससी ट्राई किया। खराब रैंक आने से असफलता हावी हो गई और उसे छोड़ दिया। कैंपस सिलेक्शन के बाद जाब शुरू की। मजा नहीं आया। स्टार्टअप में पैसा लगाया। उससे भी संतुष्टि नहीं मिली। एनजीओ शुरू किया। पर जिंदगी में बेचैनी थी। यह सब सामान्य जिंदगी की ओर ले जा रहे थे और मैं सामान्य होकर जीना नहीं चाहता था। असफलता के डर के बाद भी एक बार फिर मैं यूपीएससी की ओर लौटने का फैसला किया। पैशन के साथ तैयारी में जुटा। अपने डर को दूर किया। कमजोरियों से निजात पाई। नतीजा यूपीएससी में 25वीं रैंक के साथ सामने आया। सब कुछ बदल गया सिर्फ मेरे पैशन, च्वाइस और जिंदगी का मकसद तलाशने से। असफलता के डर से निजात पाने से। आप सब भी सिर्फ खुद से सवाल पूछें कि आप जिंदगी में चाहते क्या हैं ? आपका इंट्रेस्ट क्या है ? इंट्रेस्ट और लक्ष्य एक होने पर उसे पूरा करने की प्लानिंग बनाएं। लक्ष्य निर्धारित करें। सौ फीसद सफलता आपके हाथ होगी। हां बाद के लिए रिग्रेट न रखें। जो करना है उसके लिए तैयारी आज से ही शुरू करें। आप जिंदगी में कामयाब हो जाएंगे। सीडीओ ने इसके लिए विद्यार्थियों को टिप्स भी दिए।
सीडीओ की कहानी खत्म होने तक विद्यार्थियों को अपने सारे सवालों के जवाब मिल गए। इसके बाद चंद्रमोहन गर्ग एसआरएमएस ट्रस्ट के सेक्रेटरी आदित्य मूर्ति के साथ इंजीनियरिंग कालेज के मल्टीपर्पज हाल पहुंचे। जिम और पीजी ब्लाक में स्थापित 3 डी प्रिंटिंग लैब भी उन्होंने देखी। लैब की उन्होंने तारीफ की। इस दौरान डीन प्रोफेसर डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार भी उनके साथ मौजूद रहे।
इन विद्यार्थियों ने पूछे सवाल
-शशि शर्मा, आर्यन नाथ सक्सेना, समर्थ सक्सेना, आयुष त्यागी, तनीषा गुप्ता, तुषार गुप्ता, आवेश, अदिति मेहरोत्रा, आयुष कुमार सकसेना, अमन शाह, आमिर खान, गुलरेज, प्रियांशु गंगवार और खुशी पांडेय।
इनसेट——-
चंद्रमोहन सर के टिप्स
-खुद को तलाशें, लाइफ में चाहिए क्या ? इसे खोजें।
-लाइफ में च्वाइस क्या है? सबसे पहले पता करें।
-जिंदगी में लक्ष्य मल्टीपल न रख कर एक ही रखें।
-फेल होने का डर खत्म करें, इसी पर रखी होती है सफलता की नींव।
-फ्रस्टेशन और डिप्रेशन को खुद पर हावी न होने दें।
-अपनी कमियां तलाशें और उन्हें खत्म करने का प्रयास करें।
-खुद को बदलने के लिए पहले दिमाग और फिर एटीट्यूट बदलें।
-खुद पर सफलता का प्रेशर न रखें, निरंतर प्रयास करें।
-दूसरों की सफलता से खुद की तुलना न करें।
-खुद को मोटिवेट रखने के लिए अपने जैसे लोगों का पियर ग्रुप बनाएं।
-छोटे छोटे माइल स्टोन बना कर लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें।
-कांफिडेंश मजबूत करने के लिए छोटी छोटी सफलताओं का जश्न मनाएं।
-हर काम के लिए टाइम लाइन सेट करें और उसे फालो करें।
-अच्छी बुक्स पढ़ने के लिए दिन में समय जरूर निकालें।
-सफलता आपकी अच्छी आदतों का रिजल्ट है।