Monday, October 13, 2025
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सिलक्यारा टनल में मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए उत्तरकाशी पहुंची सेना की विशेष टीम, वर्टिकल ड्रिलिंग हुई शुरू

मैनुअल ड्रिलिंग के लिए उत्तरकाशी पहुंची सेना की विशेष टीम

एफएनएन, उत्तरकाशी : सिलक्यारा टनल में मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना की विशेष टीम उत्तरकाशी पहुंची। साथ ही मुंबई में सीवर साफ करने वाली कंपनी से भी टीम बुलाई गई है। मैनुअल ड्रिलिंग में दोनों टीमें अग्रणी भूमिका में रहेंगी।

मैन्युअल ड्रिलिंग में सहयोग करेगी आर्मी, सुरंग में पहुंचाई गई नैनो जेसीबी

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी की जारी है। इसके लिए एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे को काट कर निकाला जा रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी 201 इंजीनियरिंग रेजीमेंट को दी गई है। रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि मैन्युअल ड्रिलिंग में आर्मी सहयोग करेगी। इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने एक नैनो जेसीबी भी सुरंग में पहुंचाई है। यह जेसीबी खुदान के दौरान वाइब्रेशन काम करती है।

सिलक्यारा सुरंग के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई BRO अधिकारी के वाहन

सिलक्यारा सुरंग के पास बीआरओ के किसी अधिकारी के वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना। बताया जा रहा है कि अधिकारी सुरंग क्षेत्र की तरफ आ रहे थे।

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युद्ध स्तर पर जारी है बचाव अभियान, कुछ मीटर की दूरी पर हैं मजदूर

सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 15 दिन से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। एक पखवाड़े खोज बचाव टीम रेस्क्यू अभियान जारी रखे हुए है। इस दौरान कई बाधाएं समाने आयी। इन बाधाओं ने निपटने में खोज बचाव टीम युद्ध स्तर जुटी रही। अब भारतीय सेना के जांबाज भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और कार्य तेजी से जारी है। मजदूरों तक पहुंचने में महज कुछ ही मीटर की दूरी है।

मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी, आर्मी इंजीनियरिंग टीम को दी गई जिम्मेदारी

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग की तैयारी की जारी है। इसके लिए एस्केप टनल में औगर मशीन के फंसे कलपुर्जे को काटकर निकाला जा रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी आर्मी इंजीनियरिंग टीम को दी गई है।

होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान के लिए मंगाई गई मैग्ना कटर

होरिजेंटल ड्रिलिंग में बैकअप प्लान के लिए ओएनजीसी ने विजयवाड़ा के पास नरसिंहपुर से मैग्ना कटर मशीन भी मंगाई है जो 4000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पैदा करती है। सुरंग के भीतर फिलहाल प्लाज्मा कटर मशीन से औगर मशीन के बेकार हिस्से को काटकर निकाला जा रहा है। जरूरत पड़ी तो मैग्ना कटर का इस्तेमाल होगा। मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए विशेष कंपनी के लोगों को बुलाया गया है।

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