दूसरे कार्यकाल के डेढ़ साल के भीतर ही विधायक ने इलाके की अधिकांश बदहाल सड़कें कर दिखाई चकाचक
पुलों, पुलियो और नए इंटर कॉलेजों के निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ्तार, ढुलमुल बिजली व्यवस्था भी ट्रैक पर
बरेली से सीनियर रिपोर्टर गणेश ‘पथिक’ की बेबाक रिपोर्ट
फ्रंट न्यूज नेटवर्क, बरेली। कभी कांवर तो अब 119 मीरगंज विधानसभा के बाशिंदे अपने इलाके और सूबे में भी कांग्रेस के उत्थान और पतन से लेकर बसपा, सपा सरकारों के रुतबे और दबदबे के साक्षी रहे हैं। सरकारें आईं और चली भी गईं लेकिन दिल्ली-बरेली हाईवे और ब्राडगेज रेलवे लाइन से सटा आधा दर्जन नदियों और कई नहरों वाला असीम संभावनाओं से भरा यह उर्वर इलाका चंद अपवादों को छोड़कर दशकों तक ‘अंगद के पांव’ जैसी जमी रही ‘नेतानगरी’ के लच्छेदार, हवा-हवाई दावों-वादों के सुनहरे जंजाल में फंसकर वर्ष 2014 से पहले तक विकास की पहली किरण के लिए भी तरसता-छटपटाता ही रहा।
21वीं सदी के दूसरे दशक में मीरगंज इलाके को आखिरकार ‘बहुप्रतीॆक्षित’ चकाचक फोरलेन हाईवे की बड़ी सौगात मिली। वर्ना तो पुराने बदहाल टू लेन हाईवे के दर्जनों रेलवे क्रासिंगों पर रोडवेज बसों से लेकर भारी ट्रांसपोर्ट वाहन और दुपहिया, तिपहिया, चौपहिया वाहनों के चक्के दिन में कई-कई घंटे तक भारी ट्रैफिक जाम की वजह से ठप ही रहते थे।
समर्थकों के बीच ‘शेरे मीरगंज’ और विकास के प्रति समर्पित तेजतर्रार ‘जननेता’ की छबि रखने वाले तथा कभी बसपा सुप्रीमो और चार बार की मुख्यमंत्री कठोर प्रशासक बहन मायावती के बेहद करीबी रहे तीन बार के विधायक हैवी वेट सुल्तान बेग को चौंकाते हुए पिछली बार उन्हीं के हाथों पटखनी खा चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के ‘चहेते’ डॉ. डीसी वर्मा ने वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर शानदार जीत दर्ज की और दस हजार करोड़ की विकास परियोजनाएं लाकर इस इलाके की शक्ल-ओ-सूरत पूरी तरह बदल डालने का वायदा आम जन और मीडिया के बीच बार-बार किया लेकिन तब ज्यादातर लोगों ने इसे सियासतदां की लफ्फाजी और वोट झटकने की हवा-हवाई बयानबाजी ही समझा था। हालांकि अपने लगातार दूसरे कार्यकाल में ताबड़तोड़ विकास कार्यों की झड़ी लगाते हुए उसे तकरीबन सच ही कर दिखाया है।
बतौर बानगी बसपा सुप्रीमो मायावती के शासनकाल नें गोरा लोकनाथपुर गांव को पास रामगंगा नदी पर जिस पुल का शिलान्यास हुआ था, राजनीतिक इच्छा शक्ति में कमी की वजह से वह अगले 10-12 साल तक लटका ही रहा लेकिन आखिरकार साल 2019 में विधायक डॉ. डीसी वर्मा की मौजूदगी में तत्कालीन केंद्री़य मंत्री-सात बार के सांसद संतोष गंगवार के हाथों इस बहुप्रतीक्षित पुल का लोकार्पण हो ही गया।वर्ष 2022 से तो पुल का अधूरा अप्रोच रोड बनने के बाद आंवला-रामनगर, बदायूं इलाके के किसानों-व्यापारियों का माल, खाद्यान्न और साग-सब्जियां सीधे तेज रफ्तार वाहनों के जरिए पड़ोसी उत्तराखंड और दिल्ली की मंडियों में जाकर उतरने लगी हैं।
सब जानते हैं कि वर्ष 2017 से पहले तक इलाके की अधिकांश सड़कें गहरे गड्ढों में तब्दील होकर अपना अस्तित्व खो चुकी थीं और ढूंढने पर भी मिलती नहीं थीं। लेकिन अब वर्ष 2024. की विदाई से पहले ही क्षेत्रीय विधायक डॉ. डीसी वर्मा की ताबड़तोड़-असरदार पैरवी के चलते अधिकांश बदहाल प्रमुख मार्ग चिकनी-चौड़ी नई सड़कों में तब्दील हो चुके हैं और मीरगंज में विकास की नई इबारत गढ़ते दिख रहे हैं।
अब फिर चाहे वो शाही-मिर्जापुर का एक किमी का वह टुकड़ा हो जो वर्षों से एक-एक फुट गहरे गड्ढों में फंसा पड़ा था, या फिर चावल का कटोरा कहे जाने वाले अटामांडा-धौंरा के बीच सिर्फ पांच किमी लंबी वर्षों से टूटी सड़क का बहु प्रतिक्षित जीर्णोद्धार। हाईवे अंडरपास से रहपुरा-मीरापुर रोड, फतेहगंज पश्चिमी-उनासी रोड, शंखा पुल-अगरास रोड, पैगानगरी-हुरहुरी-बहरोली-गोरा लोकनाथपुर रोड भी वर्षों की बदहाली से उबरकर मजबूत-चौड़ी नई सड़कों में बदल चुके हैं। लब्बोलुआव यह कि, कुछेक अपवादों को छोड़कर मीरगंज विधानसभा क्षेत्र के वर्षों से टूटे पड़े अधिकांश बदहाल प्रमुख मार्ग डीसी की लगातार तगड़ी पैरवी के चलते चिकनी-चौड़ी, नई सड़कों में तब्दील हो चुके हैं।
लेकिन मरीजों-ग्रामीणों के जी का जंजाल बना है गहरे गड्ढों में तब्दील हाईवे-खिरका-सतुइया खास-सीएचसी संपर्क मार्ग
हालांकि, ठिरिया खेतल चंद्रा पेट्रोल पंप हाईवे से सीएचसी-खिरका-जगतपुर-सतुइया खास गांवों को जोड़ने वाला डेढ़ किमी लंबा प्रमुख संपर्क मार्ग कई साल से गहरे-गहरे गड्ढों में बदलकर सीएचसी के गंभीर मरीजों और क्षेत्रीय ग्रामीणों के जी का जंजाल बना हुआ है। लगातार शिकायतों के बाद भी विधायक डीसी वर्मा की ‘नज़रे इनायत’ इस खस्ताहाल रोड पर अभी भी नहीं पड़ी है। हालांकि, खिरका के परेशान ग्रामीणों की शिकायत पर अब विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने इस डेढ़ किमी लंबी क्षतिग्रस्त सड़क का भी हॉटमिक्स तकनीक से पुनर्निर्माण और उच्चीकरण-चौड़ीकरण कार्य अति शीघ्र करवाने का आश्वासन जरूर दिया है।