एफएनएन,श्रीनगर:शहर के बाहरी क्षेत्र सौरा में आतंकियों ने मंगलवार को एक और कायरतापूर्ण हमला किया, लेकिन इस बार उनका सामना एक दिलेर सात साल की बच्ची से हुआ। हुआ यूं कि पुलिस कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी अपनी सात साल की बच्ची को ट्यूशन छोडऩे के लिए अभी घर के गेट के बाहर ही निकले थे कि सामने आतंकी आ धमके। आतंकियों ने कांस्टेबल पर बंदूकें तान ली। यह देख सात साल की मासूम सफा सबकुछ भांप गई। वह अपने पिता को बचाने के लिए आतंकियों के आगे डट गई और कड़ा प्रतिरोध करने लगी। लेकिन आतंकियों को कोई रहम नहीं आया और उन्होंने दोनों पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में कांस्टेबल बलिदान और सफा गोली लगने से घायल हो गई। सफा के दाहिने हाथ पर गोली लगी है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है, हालांकि उसकी हालत खतरे से बाहर है।
वहीं, इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर आतंकियों को पकडऩे के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए बलिदानी पुलिसकर्मी के स्वजन के प्रति गहरी संवेदना जताई। यह वारदात मंगलवार शाम श्रीनगर जिले के अंचर इलाके के मलिक मोहल्ला में हुई। हमले के समय सैफुल्ला कादरी के स्वजन घर पर ही थे। गोलियों की आवाज सुनकर स्वजन भागकर बाहर आए और खून से लथपथ सैफुल्ला और सफा को देखकर पड़ोसियों की मदद से उन्हें तुरंत शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइसेस (सौरा) पहुंचाया। इसी बीच आतंकी भी घटनास्थल से भाग निकले। वहीं, कांस्टेबल कादरी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि बेटी का उपचार जारी है।
- हत्यारे आतंकी जल्द मारे जाएंगे : कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि हत्यारे आतंकियों को पकडऩे के लिए पुलिस टीमों को आसपास के इलाकों में भेजा गया है। पुलिस जल्द ही हमलावरों की पहचान कर उन्हें मार गिराएगी। फिलहाल, इस पूरे क्षेत्र को घेर कर तलाशी अभियान चलाया हुआ है। इस बीच, बलिदानी पुलिसकर्मी को जिला पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
- आइजीपी बोले- बच्ची का क्या दोष था : श्रद्धांजलि के बाद पत्रकारों से बातचीत में कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आइजीपी) विजय कुमार ने कहा कि आतंकियों ने निहत्थे पुलिसकर्मी और उनकी बच्ची पर हमला कर सबसे अमानवीय चेहरा दिखाया है। आइजीपी ने कहा कि उनकी बेटी का क्या दोष था। आतंकियों के स्वजन को भी आज के कृत्य की ङ्क्षनदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी पहले भी छुट्टी पर गए निहत्थे पुलिसकर्मियों पर हमला करते रहे हैं।
- एक माह में तीन पुलिसकर्मी बलिदान : कश्मीर में एक माह के भीतर आतंकी घटनाओं में तीन पुलिसकर्मी बलिदान हो चुके हैं। इससे पहले सात मई को आतंकियों ने अंचर इलाके के पास अली जान रोड़ पर पुलिस के जवान गुलाम हसन को गोली मार कर बलिदान कर दिया था। इसके बाद 13 मई को पुलवामा जिले में भी आतंकी हमले में पुलिसकर्मी रियाज अहमद बलिदान हो गए थे। रियाज भी अपने बच्चे को सुबह स्कूल बस पर चढ़ाने के बाद घर लौट रहे थे।