Saturday, July 12, 2025
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडचमोली और रुद्रप्रयाग के सात एसटीपी में करंट फैलने का सबसे ज्यादा...

चमोली और रुद्रप्रयाग के सात एसटीपी में करंट फैलने का सबसे ज्यादा खतरा, नोटिस जारी

एफएनएन, चमोली : पेयजल निगम ने चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में चल रहे सात सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद करते हुए इनमें सुधार को कंपनी को 48 घंटे का नोटिस जारी कर दिया है। निर्धारित समय पर कंपनी ने काम न कराया तो उसे बिल या देनदारी से इसकी कटौती कर ली जाएगी।

कांफिडेंट इंडिया कंपनी ने गढ़वाल मंडल में 18 एसटीपी बनाए हैं, जिनमें से सात का संचालन पेयजल निगम कर रहा है। चमोली हादसा होने के बाद निगम ने अपने सभी एसटीपी की विद्युत सुरक्षा संबंधी जांच कराई।

जांच के दौरान पता चला कि अलकनंदा, पिंडर नदियों के अलावा रुद्रप्रयाग के एक गदेरे के तेज बहाव में इन एसटीपी के अर्थिंग सहित कई उपकरण बह गए हैं। बेहद असुरिक्षत मानते हुए पेयजल निगम के एमडी एससी पंत ने तत्काल इन सातों प्लांट में विद्युत आपूर्ति बंदा करा दी है।

एमडी पंत ने बताया कि कंपनी को नोटिस जारी करते हुए 48 घंटे के भीतर विद्युत सुरक्षा संबंधी सभी काम करने को कहा गया है। अगर निर्धारित समय में कंपनी ने सुधार न किया तो निगम अपने स्तर से इनकी मरम्मत कराएगा। इस पर आने वाला खर्च कंपनी के बिल या विभाग की देनदारियों से काट लिया जाएगा।

  • जल संस्थान भी जांच कराने में जुटा
कंपनी के बनाए हुए 11 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन का जिम्मा जल संस्थान के पास है। चमोली में जिस प्लांट में हादसा हुआ, उसका संचालन भी जल संस्थान के जिम्मे था। जल संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक, बाकी 10 प्लांटों की भी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

 

  • प्लांट में हादसे की विद्युत सुरक्षा जांच पूरी, अब डीएम को देंगे रिपोर्ट
चमोली के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट से हुए हादसे की जांच विद्युत सुरक्षा विभाग ने पूरी कर ली है। अब विभाग अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगा। इसके बाद सरकार रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी। चमोली में पिछले सप्ताह अलकनंदा किनारे बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट से 16 लोगों की मौत के दर्दनाक हादसे की जांच को विद्युत सुरक्षा विभाग की तीन सदस्यीय टीम पांच दिन से वहीं डेरा डाले थी। टीम ने जहां यूपीसीएल के ट्रांसफार्मर, अर्थिंग, केबल, मीटर की जांच की तो वहीं प्लांट के भीतर अर्थिंग से लेकर हर पहलू से जांच की है।

सूत्रों के मुताबिक, जांच में प्लांट के स्तर पर बड़े पैमाने पर लापरवाही की बात सामने आई है। अब जांच टीम अपनी रिपोर्ट चमोली के डीएम को सौंपेगी। डीएम के स्तर से ही शासन तक रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है। मामले में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

हमने सातों प्लांट की जांच कराई तो पता चला कि करंट फैलने का भारी खतरा है। अर्थिंग सहित कई उपकरण नदियों में बह गए हैं। फिलहाल विद्युत आपूर्ति बंद कराते हुए कंपनी को 48 घंटे में मरम्मत कराने को कहा गया है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments