Tuesday, July 29, 2025
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Homeराज्यउत्तराखंडसंविधान दिवस पर हल्द्वानी में श्रमिक संगठनों की हड़ताल

संविधान दिवस पर हल्द्वानी में श्रमिक संगठनों की हड़ताल

  • जोरदार विरोध प्रदर्शन, धरना भी दिया, मोदी सरकार की विदाई का बिगुल बजने का मंच से किया ऐलान   
  • एफएनएन, हल्द्वानी। अखिल भारतीय श्रमिकों की आम हड़ताल आज सफल रही। शहर के बुद्धपार्क में विभिन्न लेबर यूनियनों और मजदूर संगठनों ने संयुक्त रूप से कई घंटे तक धरना दिया और अत्याचारी सरकार के विरुद्ध जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया।
    बुद्धपार्क में जोरदार विरोध प्रदर्शन के बीच आयोजित मजदूरों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के उत्तराखंड राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा, “26-27 नवंबर को पूरे देश के मजदूर किसानों ने अपने देशव्यापी हड़ताल और आंदोलन के माध्यम से लगातार मजदूर-किसान विरोधी कानून पारित कर रही मोदी सरकार की विदाई का बिगुल बजा दिया है।”  संविधान दिवस के मौके पर  उन्होंने कहा, जिस तरह मजदूर वर्ग ने अंग्रेजों के अत्याचारी कंपनी राज के लंबी लड़ाई लड़ते हुए आखिरकार उसे नेस्तनाबूद करके ही दम लिया उसी तरह मोदी सरकार के  नए जुल्मी कंपनी राज के खिलाफ भी भारी तादाद में मजदूर-किसान लामबंद हो रहे हैं। आरोप लगाया कि मोदी सरकार श्रमिकों-मजदूरों-किसानों को कॉरपोरेट की गुलामी की अंधी खाई में तेजी से धकेल रही है।
    आल इंडिया सेंट्रल कॉउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) के प्रांतीय महामंत्री के.के.बोरा ने कहा कि, “मोदी सरकार द्वारा सरकारी फैक्ट्रियों, निगमों, विशालकाय संस्थाओं को बेचा जा रहा है। मजदूर हितैषी 44 लेबर कानून ख़त्म कर दिए गये हैं। पूंजीपतियों की पिछलग्गू केंद्र सरकार लंबे संघर्षों के बाद किसान-मजदूर-कामगारों को हासिल हुए सरकारी संरक्षण को साजिशन ख़त्म कर उन्हें भयावह बेरोजगारी की तरफ धकेल रही है। अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा, “मजदूरों की हड़ताल को किसानों का समर्थन और किसानों के आंदोलन को मजदूरों का सक्रिय समर्थन वक्त की जरूरत है।
    क्रालोस के अध्यक्ष पीपी आर्य ने कहा,”मजदूर-किसान-कामगार ही देश का भाग्य बदलने की कुव्वत रखते हैं। इसलिए मजदूरों की हड़ताल का ऐतिहासिक महत्व है। हड़ताल में ऐक्टू, उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन, संसेरा श्रमिक यूनियन, भाकपा (माले), क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, सीटू से जुड़ी राज्य पथ परिवहन यूनियन, अखिल भारतीय किसान महासभा, पछास, ओरिएंटल बैंक स्टाफ एसोसिएशन उत्तराखंड, बीमा कर्मचारी संघ, जायडस वैलनेस मजदूर यूनियन, पंजाब बेवल्स मजदूर यूनियन, ऐपवा, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, यूकेडी-डी आदि संगठनों ने सक्रिय सहभागिता की। सभा को संबोधित करने वाले प्रमुख श्रमिक नेताओं में  बहादुर सिंह जंगी, राजेन्द्र कुमार वालिया, डॉ कैलाश पाण्डेय, कुशाल सिंह रावत, अमित सिंह, टी आर पांडे, रिंकी जोशी, नीता, रीना बाला, आनंद बल्लभ जोशी, चंद्रशेखर लोहनी, प्रीति रावत, गीता, सरोज रावत, रंजना, बच्ची सिंह बिष्ट, रजनी, विमला खत्री, लीला परिहार, वरुण तिवारी, ममता , सरिता साहू, हरीश भंडारी, मोहन मटियाली, उमेश, ललित मटियाली, दीपक काण्डपाल, जोगेन्दर लाल, धन सिंह, शेखर, सुनील, उमेश, प्रकाश, मनोज आर्य, नवजोत सिंह परिहार, प्रकाश कपकोटी, ललित जोशी, विपिन कुमार, संकरन सिंह सामंत और सैकड़ों मजदूर शामिल रहे।
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