Friday, November 22, 2024
spot_img
spot_img
03
20x12krishanhospitalrudrapur
previous arrow
next arrow
Shadow
Homeराज्यउत्तराखंडवीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर नमन

वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर नमन

एफएनएन, रुद्रपुर। वीरांगना झलकारी बाई की पावन जयंती रविवार को शहर के रम्पुरा मोहल्ले में अखिल भारतीय कोली समाज के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रसेन कोली की अध्यक्षता में सादगी के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेयर रामपाल सिंह ने वीरांगना झलकारी बाई के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में कोली समाज की मांग पर मेयर रामपाल ने वीरांगना झलकारी बाई की विशाल प्रतिमा लगवाने और पार्क का सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले कई बुजुर्गों को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मेयर रामपाल ने कहा कि नई पीढ़ी को वीरांगना झलकारी बाई जैसे वीर योद्धाओं और अपने समाज के महापुरूषों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। वीर योद्धाओं ने देश के लिए जो योगदान दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता। ऐसी ही एक योद्धा वीरांगना झलकारी बाई भी थी। झलकारी बाई का जन्म एक साधारण कोली परिवार में हुआ था। वे एक साधारण सैनिक की तरह रानी लक्ष्मीबाई की सेना में शामिल हुई थीं। लेकिन बाद में वह रानी लक्ष्मीबाई की विशेष सलाहकार एवं महिला सेना की सेनापति बनीं और महत्वपूर्ण निर्णयों में भी भाग लेने लगी। बगावत के समय, झाँसी के किले पर युद्ध के समय वह अपने आप को झाँसी की रानी कहते हुए लड़ीं, ताकि रानी लक्ष्मीबाई सुरक्षित रूप से आगे बढ़ सकें। बुन्देलखण्ड में झलकारी बाई कोली की महानता एवं वीरता को हमेशा याद किया जाता है। उनका जीवन और विशेष रूप से ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ उनके लड़ने की कला को बुन्देलखण्ड ही नहीं, बल्कि पूरा भारत हमेशा याद रखेगा। कोली जाति के तौर पर उनकी महानता ने उत्तरी भारत में कोली जाति के जीवन पर काफी प्रभाव डाला। बाद में कुछ समय बाद ब्रिटिशों द्वारा झलकारीबाई को फाँसी दे दी गयी थी। उनके नाम को कोली जाति का सम्मान और गर्व बताया जाता है। इसे देखते हुए उनके जीवन पर काफी शोध किये गये और कई रोचक तथ्य भी मिले।
इस अवसर पर अखिल भारतीय कोली समाज के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रसेन कोली, डॉ हरिओम कोली, बासुदेव कोली, रामकिशन कोली, राजकुमार कोली, रामअवतार कोली, ओम प्रकाश, चंद्र पाल, साधु रतनलाल कोली, शरबती देवी, मुन्नी देवी, चुन्नीलाल बनारसी दास, रामपाल कोली, परशुराम कोली, मोर कली कोली, साधु अमरदास कोली आदि लोग उपस्थित रहे ।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments