Friday, November 22, 2024
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Homeराज्यउत्तराखंडसकारात्मक कार्यशैली से ही आत्मनिर्भर बनेगा भारत

सकारात्मक कार्यशैली से ही आत्मनिर्भर बनेगा भारत

  • सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनाया गया आज़ादी का अमृत महोत्सव

एफएनएन, रुद्रपुर : युवाओं की सकारात्मक कार्यशैली ही आत्मनिर्भर भारत बनायेगा। आज़ादी का अमृत महोत्सव युवाओं में नई चेतना भर कर स्वाभिमानी-स्वावलंबी-आत्मनिर्भर भारत बनायेगा। आज़ादी के बाद से अब तक की देश की यात्रा को याद करने का यह अनूठा ही तरीका है। उक्त बातें समाज शास्त्र विभाग, सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा आयोजित आज़ादी का अमृत महोत्सव में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो कमल किशोर पांडे ने कही। उन्होंने आगे कहा कि जिन्होंने आजादी के लिए कठिन संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर किया उन्हें नमन करने का भी यह दिन है। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सभी प्रकार की लड़ाई लड़ी गई है तब यह दिन हम सब देख पा रहें है। हमारा यह दायित्व है कि हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के संकल्प और शौर्य को याद करें, उनके बलिदानों का गौरव मनाएं, उनके ऊंचे आदर्शों को स्मरण करें।
कार्यकम के संयोजक एवं अर्थशास्त्र विभाग के विभाध्यक्ष प्रो राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि सभी की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर ही देश आत्मनिर्भर होगा। देश खाद्यान के क्षेत्र में आत्म निर्भर है। हम जिस आज़ादी में सांस ले रहे हैं, हमें याद रखना चाहिए कि पूरी आज़ादी तभी मिलेगी जब हम उन लक्ष्यों और संकल्पों को पूरा करेंगे जो संविधान में निर्धारित किए गए हैं।
समाज शास्त्र विभाग के डॉ रविन्द्र सैनी ने कहा कि सरकार नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने के लिए महती भूमिका निभा रही हैं। हम सभी अपनी प्रतिभा क्षमता देश को अधिक शक्तिशाली और समृद्ध बनाने में लगाएं। आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनाने के साथ साथ हमें सामाजिक एकता को बढ़ाने के लिए भी प्रयास करते रहना है तथा गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, सामाजिक एवं लैंगिक भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों से निजात दिलानी है। यही स्वाधीनता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ हेमलता सैनी ने कहा कि स्वावलंबी- सशक्त – समर्थ- आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए आवश्यक है कि युवा स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। हम अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ें, सनातन मूल्यों को अपनाएं, पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें तथा प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करें। दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के सहायक आचार्य डॉ हरनाम सिंह ने कहा कि युवा संकल्प लें कि वैमनस्यता पैदा करने वालों के खिलाफ सबसे आगे खड़े रहेंगे। हम अपने को निरंतर प्रशिक्षित करें अपने सामर्थ्य का लाभ समाज को दें। हमारा कर्तव्य है कि यह सुनिश्चित करें कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आहार उपलब्ध हो सके। हर क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर बनें यही हमारे स्वाधीनता सेनानियों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर समाज शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीतों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वातावरण को देश भक्ति से ओत प्रोत कर दिया। आभार ज्ञापन समाज शास्त्र विभाग की सहायक आचार्य डॉ बिना ने किया जिसमें प्रमुख रूप से बी ए प्रथम सेमेस्टर की साक्षी रस्तोगी, कोमल, नसरूम, बी ए द्वितीय सेमेस्टर के राजकुमार, सिदरा तथा एम ए समाज शास्त्र के राहुल गंगवार, अनुराधा, मानसी गावड़ी ने अपने विचार प्रस्तुत किया। पोस्टर के माध्यम से अफरोज, निशा यादव एवं प्रीति सिंह ने स्वतंत्रता की भावना को दर्शाया जिसमे महाविद्यालय के छात्र -छात्राएं उपस्थित रहीं।

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