- फरवरी में नाले में मिले शिशु की नाबालिग मां के बाद पिता भी मिला
- नाबालिग ने लगाया था चचेरे भाई पर आरोप, उसने कर ली थी आत्महत्या
एफएनएन, नैनीताल : फरवरी माह में नाले में रोते मिले शिशु की मां के बाद अब पिता का भी पता चल गया है। मां नाबालिग निकली थी और अब पिता भी उस नाबालिग का जीजा निकला है। यह खुलासा बच्चे के डीएनए से मिलान की रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। पुलिस ने नाबालिग के जीजा को गिरफ्तार कर लिया है। घटना फरवरी की है। नगर के स्टाफ हाउस सात नंबर क्षेत्र में एक नाले में सुबह के वक्त एक शिशु रोता हुआ राहगीरों ने देखा था। राहगीरों ने नवजात को बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी रेफर कर दिया। हल्द्वानी में उपचार से बच्चा ठीक हो गया। इधर, जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस को निर्देशित किया था कि बच्चे की मां का पता लगाने वाले को इनाम दिया जाएगा। उसके बाद पुलिस ने 7 फरवरी को प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। और जांच शुरू कर दी गई।
जांच के दौरान ही पुलिस एक नाबालिग के करीब पहुंच गई, नाबालिग ने बच्चा उसी का है, यह बात स्वीकार कर ली। नाबालिग को पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष वेश किया और 164 के बयान दर्ज कराए। हालांकि उस वक्त नाबालिग ने अपने चचेरे भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगा दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। साथ ही किशोर का डीएनए सेम्पल जांच के लिए भेजा गया। लेकिन आरोपित किशोर ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद किशोर के लिए गए डीएनए सैम्पल की रिपोर्ट आ गई। जिसमें बच्चे से वह मेल नहीं खाई। पुलिस को लगा कि नाबालिग झूठ बोल रही है और उसने गुमराह कर दिया। बाद में उसके रिलेशन के आधार पर फिर से चार लोगों का डीएनए भेजा । अब उसकी भी रिपोर्ट आ गई। जिसमें नाबालिग के जीजा से बच्चे का डीएनए मेल खा गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने स्टाफ हाउस सात नंबर निवासी धनीराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 201, 307, 315, 376 और 3/4 पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया है।