एफएनएन, बरेली : भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर इस बार देश प्रेम का असर साफ दिख रहा है। लद्दाख सीमा पर बीस भारतीय जांबाजों के बलिदान से पूरे देश में चीन के प्रति गुस्सा है। ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए व्यापारियों ने जहां चाइनीज राखियों की बिक्री से तौबा कर ली, वहीं बहनें भी देश मे बनी राखियों को तरजीह दे रही हैं।
चाइनीज राखियों की चमक फीकी पड़ गई है। हर साल जहां बाजार में 70 फीसद चाइनीज राखियों का कब्जा होता था, इस बार स्थिति उलट है। जिले की होलसेल से लेकर रिटेल तक की दुकानों में बरेली में निर्मित या कोलकाता आदि की बनी देसी राखियां धूम मचा रही हैं।