एफएनएन, देहरादून : किसान महाकुंभ (चिंतन शिविर) के दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अग्निपथ योजना का वह पहले ही कड़ा विरोध कर चुके हैं। पूरे देश में योजना को लेकर आंदोलन भी शुरू हो गया है। लेकिन यह विरोध हिंसक नहीं होना चाहिए। उन्होंन देशभर में हुए हिंसक आंदोलनों के बीच शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने का आह्वान किया है।
किसान महाकुंभ में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अग्निपथ को लेकर जिस तरह से देश के अंदर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक आंदोलन कर कहीं ट्रेन फूंकी जा रही है तो कहीं अन्य सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा जा रहा है। वह निंदनीय है। वह किसी तरह से राष्ट्रहित में नहीं है। जबकि धरना प्रदर्शन के जरिए भी अपनी बात सरकार तक पहुंचाई जा सकती है।
कहा कि आमजन को शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली मुफ्त मिलनी चाहिए। सरकार की तरफ से पांच लाख रुपये का आयुष्मान कार्ड बनाकर मुफ्त इलाज का दावा किया जा रहा है। यह योजना केवल कागजों में ही चल रही है। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नए रायपुर के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया है, लेकिन किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है।
अपनी जमीनों का उचित मुआवजा लेने के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं। सरकार उचित मुआवजा देने की बजाए उनके धरने को बार-बार हटा रही है। पर किसान तब तक नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी। कहा कि अगर किसानों का धरने के लिए जगह नहीं दी गई तो वह अधिकारियों और राजनेताओं के भवनों में बैठकर धरना देंगे।