एफएनएन, चंडीगढ़ः पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने बुधवार को वरिष्ठ अकाली नेता सह पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों ने बताया कि पूर्व मंत्री के अमृतसर स्थित आवास सहित पंजाब में 25 स्थानों पर छापेमारी की गई. मजीठिया की पत्नी और अकाली विधायक गनीव कौर मजीठिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है. मजीठिया पहले से ही ड्रग्स मामले में जांच का सामना कर रहे हैं.
हालाकि, ब्यूरो ने अभी तक उस मामले के विवरण की पुष्टि नहीं की है जिसमें उसने अकाली नेता को गिरफ्तार किया गया है. ब्यूरो ने पुलिस के साथ मिलकर पंजाब में 25 स्थानों पर छापे मारे. जिनमें अमृतसर में नौ स्थान शामिल थे. इनमें मजीठिया के ठिकाने भी शामिल थे. बता दें कि बिक्रम सिंह मजीठिया शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले हैं.
मजीठिया और उनकी पत्नी ने दावा किया कि विजिलेंस ब्यूरो के सदस्य अमृतसर के ग्रीन एवेन्यू स्थित उनके घर में जबरन घुस आए. उन्होंने दावा किया कि चंडीगढ़ में उनके आवास पर भी इसी तरह की छापेमारी की गई.
आप सरकार पर साधा निशानाः
शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, उनकी पत्नी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और कई वरिष्ठ अकाली नेताओं ने मजीठिया के आवास पर छापेमारी को लेकर आप सरकार पर निशाना साधा. इससे पहले, जैसे ही मजीठिया के आवास पर छापेमारी की खबर सोशल मीडिया पर आई, अकाली नेता और समर्थक उनके आवास की ओर बढ़ गए और भगवंत मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
मजीठिया के आवास की ओर जाने वाली सड़क पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिसकर्मियों ने किसी को भी बैरिकेड्स पार करने की इजाजत नहीं दी. पूर्व मंत्री को सतर्कता अधिकारी से बहस करने की सूचना है, जिसमें वे घर में घुसने पर अपनी निराशा व्यक्त कर रहे थे. मजीठिया ने सतर्कता टीम से कहा, “आपने जबरदस्ती घर में घुसे हैं, यह कोई तरीका नहीं है.”
विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने का आरोपः
एक वीडियो में मजीठिया ने मान सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आप विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है. मजीठिया ने दावा किया कि सतर्कता विभाग ने मंगलवार रात एक नई एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा, “वे जबरदस्ती घर में घुसे. अगर एफआईआर दर्ज की गई है तो हम कानून के अधीन हैं. अगर उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज करनी थी तो वे नोटिस देकर एफआईआर दर्ज कर सकते थे. यह बहुत स्पष्ट है कि वे (आप) घबरा गए हैं.”
मजीठिया ने कहा कि सतर्कता ब्यूरो के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक टीम ने छापेमारी की. मजीठिया ने कहा, “भगवंत मान जी, यह समझ लीजिए, चाहे आप कितनी भी एफआईआर दर्ज कर लें, न तो मैं डरूंगा और न ही आपकी सरकार मेरी आवाज दबा सकेगी.” उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा पंजाब के मुद्दों पर बात की है और आगे भी करता रहूंगा.”
ड्रग मामले की चल रही जांचः
पंजाब पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी) मजीठिया के खिलाफ 2021 के ड्रग मामले की जांच कर रहा है. अकाली नेता को ड्रग मामले के संबंध में कई बार तलब किया गया था और उनसे पूछताछ की गई थी. इस साल मार्च में, एसआईटी ने दावा किया था कि उसे मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी फर्मों में संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का पता चला है. तब कहा गया था कि मजीठिया के खिलाफ ड्रग मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच का विस्तार विदेश में वित्तीय लेनदेन की जांच तक कर दिया है.
मजीठिया पर 20 दिसंबर, 2021 को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. तब तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में थी. यह कार्रवाई मादक पदार्थ निरोधक विशेष कार्यबल की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर की गई.
राज्य अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की थी. मजीठिया ने पटियाला जेल में पांच महीने से अधिक समय बिताया और अगस्त 2022 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद जेल से बाहर आ गए.