एफएनएन, नानकमत्ता : 11 दिन भीत जाने के बावजूद भी एसओजी टीम ने नानक सागर जलाशय में हुई घटना का खुलासा करने में नाकाम साबित हो रही है। क्षेत्र के लोगों में पुलिस के प्रति भारी रोष दिखाई दे रहा है। जानकारी के अनुसार नानकसागर जलाशय में सैलानियों के मनोरंजन के लिए मोटर वोट का संचालन करते आ रहे हैं। देख रेख के लिए तीन कर्मचारी विनीत सिंह राणा, आदित्य राणा, रोहित राणा रखे हैं। नौ नवंबर को तीनों कर्मचारी सो रहे थे। एक बजे हथियार बंद धार धार हथियारों से आ धमके जिन्होंने जमकर तडाव मचाया। कर्मचारियों को बंधक बनाया और तीनों कर्मचारियों को जमकर मारपीट कर बुरी तरह से घायल कर दिया।
आदित्य के बाल झुलाज गए जिसने पानी में कूद कर अपनी जान बचाई। तेल छिड़ककर तीन मोटर वोट को आग के हवाले कर दिया। बदमाशो ने हवाई फायरिंग भी की तमंचे के बल से तीनों कर्मचारियों के मोबाइल भी छीनकर ले गए। केबिन के पास खड़ी बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर भी ले गए। इतनी बड़ी घटनाएं का अभी तक पुलिस बदमाशो खुलासा नहीं कर पाई। घटना का खुलासा करने के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों ने एसओजी टीम का गठन किया गया लेकिन टीम के हाथ खाली है। अपराधियों को पकड़ने की चुनौती आज भी पुलिस के सामने बनी हुई। पुलिस टीम बदमाशो को पकड़ने में नाकाम साबित होती दिखाई दे रही है। क्षेत्रीय लोग पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। फिलहाल पुलिस अफसर घटना का खुलासा करने के दंभ भर रहे हैं।
- चोरी की घटनाओं का खुलासा करने में पुलिस नाकाम साबित
- तीनों सनसनी खेज वारदात में पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली
नानकमत्ता : नगर में हुई तीन चोरी की घटनाओं का खुलासा करने में पुलिस नाकाम साबित होती दिखाई दे रही है। जिसके चलते लोगों में पुलिस प्रति रोष पनपता दिखाई दे रहा है। नगर के दहला रोड पर मुकेश रस्तोगी पुत्र शांति स्वरूप रस्तोगी के घर में घुसकर अलमारी का लाक तोड़कर अलमारी में रखे लाखों रुपए के सोने चांदी के जेवर चोरी कर ले गए। वार्ड 6 निवासी अशोक कुमार चौहान पुत्र रामउग्रह चौहान के घर में घुसकर अलमारी का लॉक खोलकर अलमारी में रखे चार लाख रुपए के सोने चांदी के जेवर चोरी कर ले गए।जय प्रकाश अग्रवाल पुत्र राम बिलास अग्रवाल की मील से गल्ले से 11लाख रुपए की नगदी में हाथ साफ कर गए।
पुलिस तीनों चोरी में एक भी चोरी का खुलासा नहीं कर पाई। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा किए जा रहे सुरक्षा के दावे भी फेल होते नजर आ रहे हैं। खुलासे के नाम पर सिर्फ घटनास्थल का निरीक्षण और पीड़ित को आश्वासन ही हाथ लगता है। कई दिन बीत चुके हैं मगर पुलिस चोर का पता नहीं लग पा रही है न ही वारदात पर रोक लगा पा रहीं हैं। चोरी का पता लगाने के लिए पीड़ित थाने थाने भटक रहे हैं। लेकिन पुलिस तहरीर पर जांच के अलावा किसी मामले में आगे बढ़ रही है। खुलासा करना तो दूर सुराग तक नहीं लगा पाई पुलिस।
उम्मीद थी कि पुलिस इनके खुलासे में जी जान लगा देगी तीन वारदातों में एक भी खुलासा तो दूर ठोस सुराग तक नहीं लगा पाई है। लोगों की मानें तो पुलिस रात्रि गश्त में लापरवाही बरत रही है। जब भी वारदात होती तो पुलिस व्यापारियों को नसीहत देती है सीसीटीवी लगवा लो चौकीदार रख लो अपनी खुफिया तंत्र और गश्त को संघन करने का प्रयास नहीं करती। हैरानी की बात यह रही कि इस नाकामी पर पुलिस के खिलाफ एक्शन लेना जरूरी नहीं समझा अफसरों ने