- पर्यावरण संरक्षक को बढ़ावा देने के लिए न्याय की देवी को सौंपा जंगल
एफएनएन, पिथौरागढ़ : तहसील क्षेत्र के धारी-घमौड़ के गांव के लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए करीब 100 नाली क्षेत्र में फैले जंगल को पांच साल के लिए मां कोटगाड़ी देवी को अर्पित कर दिया है। इस अवधि में मां को सौंपे गए जंगल से कटान नहीं होगा।
पिथौरागढ़ क्षेत्र में पहले भी कई गांवों के लोग अलग-अलग भगवान को जंगल समपिॅत कर चुके हैं। इस संबंध में ग्राम प्रधान जानकी जोशी और सरपंच उमेश चंद्र ने जंगल कोटगाड़ी मैय्या को सौपनै का प्रस्ताव रखा। ग्राम पंचायत धारी-धमौड़ के ग्रामीणों ने विधि विधान के साथ जंगल को न्याय की देवी मां कोटगाड़ी को अर्पित किया। ग्रामीणों ने कहा कि जंगलों से वनस्पतियों के दोहन के कारण पर्यावरण में असंतुलन पैदा हो रहा है, इसलिए जंगलों को बचाना जरूरी है।
ग्रामीणों ने धारी-धमौड़ के जंगल की सीमा पर मां कोटगाड़ी के ध्वज को बांधकर जंगल को नुकसान नहीं पहुंचाने का प्रण भी लिया। इससे पहले रविवार को ग्रामीणों ने कोटगाड़ी मंदिर में जागरण किया। लोगों का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रामीणों की पहल सराहनीय है। धारी-धमौड़ के जंगल में चीड़, बांज, बुरांश, काफल, भीमल सहित कई अन्य जड़ी-बूटियों से संबंधित पेड़-पौधे हैं। जानकी जोशी का कहना है कि वर्षाकाल में ग्रामीण जंगल में पौधरोपण भी करेंगे ताकि जंगल का आकार बढ़ सके।