सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुलिस ने ड्रोन के जरिए प्रदर्शनकारियों पर नजर रखी और सचिवालय की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी पुलिस बल तैनात किया। पुलिस आयुक्त एस. देव दत्त सिंह ने लोक सेवा भवन के पास सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की। राजीव भवन सहित अन्य सरकारी भवनों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई। कर्मचारियों को सख्त जांच और पहचान सत्यापन के बाद ही सचिवालय में प्रवेश की अनुमति दी गई। केवल गेट नंबर 1 से प्रवेश की अनुमति थी, जबकि अन्य सभी गेट बंद कर दिए गए। आगंतुकों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया, सिवाय उन लोगों के जिनके पास संबंधित विभागों की सिफारिश पर प्रवेश पास था।
बालासोर में बंद का असर
बीजद के बंद के आह्वान से बालासोर में जनजीवन प्रभावित हुआ। बाजार, स्कूल-कॉलेज बंद रहे और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही न के बराबर थी। बीजद कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर जिले की प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया। बालासोर शहर के साथ-साथ जलेश्वर, बस्ता, सोरो, बलियापाल और भोगराई में भी प्रदर्शन हुए। पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात की निगरानी की।
छात्रा की दुखद मौत
फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा ने शनिवार को कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई न होने पर कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली थी। तीन दिन तक एम्स-भुवनेश्वर में जीवन और मृत्यु से जूझने के बाद सोमवार रात उसने दम तोड़ दिया। इस घटना के विरोध में बीजद ने बालासोर में आठ घंटे के बंद का आह्वान किया और न्यायिक जांच की मांग की।
बीजद की मांग और आरोप
बीजद नेता देबी प्रसाद मिश्रा ने कहा, “छात्रा को न्याय न मिलने से लोग गुस्से में हैं, जिसके कारण उसने आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाया।” उन्होंने मांग की कि भाजपा सरकार इस मामले की न्यायिक जांच कराए, अन्यथा पूरे राज्य में आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारी उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका आरोप है कि सरकार 20 वर्षीय छात्रा को न्याय दिलाने में नाकाम रही।
कॉलेज प्रशासन और प्रोफेसर पर कार्रवाई
पुलिस ने कॉलेज के प्रधानाचार्य और आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया है। बीजद ने इस घटना को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए पूरे मामले की पारदर्शी जांच की मांग की है।