एफ एन एन, देहरादून : मां नंदा-सुनंदा को विदाई देने के लिए नगर वासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। जगह-जगह पुष्प वर्षा और अक्षत अर्पित कर मां को नम आंखों से विदाई दी। बुधवार को नंदा देवी मंदिर में सुबह से पूजा-अर्चना का दौर जारी रहा। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा कर सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की कामना की। शाम करीब चार बजे नंदा देवी मंदिर परिसर मां नंदा-सुनंदा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। यहां से विदाई से पूर्व शोभायात्रा निकाली गई।
बाजारों में लोगों ने घर की छतों, बालकनी से मां के दर्शन किए। जगह-जगह महिलाओं ने डोले पर पुष्प वर्षा और अक्षत अर्पित कर मां नंदा-सुनंदा को विदाई दी। डोला निकलने के साथ ही सात दिवसीय नंदा देवी मेले का भी समापन हो गया है। मां नंदा सुनंदा के मायके से विदाई के समय डोले यात्रा में शामिल महिलाएं भावुक हो गई। डोला नंदा देवी बाजार, माल रोड होते हुए जीजीआईसी परिसर के निकट स्थित मां भगवती मंदिर के सामने माल रोड पर रोका गया।
- ये है परंपरा
परंपरा के अनुसार यहां से नंदा-सुनंदा को मंदिर के दर्शन कराए गए। इस भगवती मंदिर को मां नंदा-सुनंदा का मायका भी कहा जाता है। इसके बाद मुख्यालय के विभिन्न मार्गों से होते हुए ड्योढी पोखर दुगालखोला पहुंचा। जहां विधि विधान के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। मेला समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने शांतिपूर्वक मेला संपन्न कराने के लिए सभी क्षेत्रवासियों का आभार व्यक्त किया।
- लोक कलाकारों के गीतों पर थिरके लोग
नंदा देवी मेले में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर जारी है। पुलिस विभाग ने नशा मुक्ति पर एक नुक्कड़ नाटक किया। मौके पर कई सांस्कृतिक दलों ने अपने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। लोक कलाकारों इंदर आर्या, मेघना चंद्रा, चंद्र प्रकाश ने लोक गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी। देर रात तक लोग कलाकारों के लोकगीतों पर थिरकते हुए दिखाई दिए।